महिलाओं का हक छीन कर हेमंत सरकार ने दबंगता दिखाई,बॉबी पांडेय BJP नेत्री क्लिक करें और जाने पूरी खबर

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 धनबाद:हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इसका लाभ कुछ उद्योगपति और उच्च प्रदेश पद के प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उठाया है. मेरा मानना है इसमें  क्या बुरा है महिलाओं को उनकी प्रतिष्ठा और मर्यादा का इजाफा निम्न ,मध्य और उच्च हर वर्ग में मिला और बढ़ा. ये यहां इस योजना का एक ही उद्देश्य है कि महिलाओं को सशक्त कर उनके नाम से संपत्ति रहे ,ताकि वे आत्मविश्वासी बने रहे. इसमें क्या बुरा है कि उच्च वर्ग के लोग भी इसका लाभ उठाकर अपने घर की महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दे रहे हैं और जहां तक राजस्व में कमी आई तो क्या राजस्व को बढ़ाना सिर्फ महिलाओं के हक को मार कर ही इजाफा लाया जा सकता है .हेमंत सरकार ने इस योजना को बंद कर बहुत बड़ी गलती की है महिलाओं के अधिकार सशक्तिकरण और मान-मर्यादा के साथ खेल खेला है और बहुत सारे तरीके राजस्व की बढ़ोतरी के लिए है, महिलाओं का हक छीन कर अपनी सरकार की दबंगता नहीं दिखाई इसे कायरता कहा जाता है.. मैं पूर्ण रूप से इसका विरोध करती हूँ।

 धनबाद:झारखंड की महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया गया था जिससे लोग महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीद कर महिलाओं के हकों में बढ़ोतरी हुई. इसके लिए रघुवर सरकार ने सरहनिया कदम उठाया था कि अचल संपत्ति पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर निबंधन शुल्क सिर्फ एक रुपया कर पचास लाख रुपये तक की संपत्ति महिलाओं के नाम पर खरीदी जा सकती थी .इस तरह जहां झारखंड उन राज्यों में शुमार है जहां जमीन-जायदाद की खरीद  में महिलाओं को हिस्सेदारी नहीं बनाया जाता था. खासकर आदिवासी इलाकों में तो हालत और भी बुरी है इसलिए रघुवर सरकार की यह फैसले से महिलाओं को भी संपत्ति में भागीदारी मिली और बढ़ी. झारखंड ही एक ऐसा अकेला राज्य था जहां महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए यह ठोस कदम उठाया गया था और इस पर हमें गर्व होता है ,साथ ही आर्थिक स्वालंबन की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है .इसमें कोई दो राय नही हैं कि ईट, सरिये और सीमेंट की मदद से खड़ी की गई चार दीवारी, जिसे मकान की संज्ञा दी जाती है ,उसे घर के रूप में परिवर्तित करने का काम तो महिला ही करती है .आखिर जब घर की जिम्मेदारी उन पर होती है तो उस संपत्ति के मालिकाना अधिकार में उनका हिस्सा क्यों नहीं हो सकता. जबकि ऐसा करना न सिर्फ कई लिहाज से लाभदायक है साथ ही उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाला कदम कहा जा सकता है।                

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