तेजस्वी यादव का प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र क्लिक करें और जाने।

NTL NEWS.    CON:7909029958.    संतोष यादव

 

NTL/पटना:-आज (30जनवरी2019) को बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला पत्र लिखते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आपकी रहनुमाई में देश भर में सामाजिक न्याय को कुचला जा रहा है, संविधान प्रदत्त आरक्षण की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पहले जहां युनिवर्सिटी को युनिट मानकर 200 प्वाइंट्स रोस्टर के ज़रिए बहाली होती थी, वहीं अब 13 प्वाइंट के विभागवार रोस्टर की साजिश अपनाई गई है। आम बहुजन जनता अपने ख़िलाफ़ इस षड्यंत्र को सरल शब्दों में समझे कि उनके बाल-बच्चे अब प्रोफेसर साहब नहीं बन पाएंगे। मिनिमम गवर्नमेंट (मिनिमम डेमोक्रेसी) और मैक्सिमम गवर्नेंस (मैक्सिमम कोर्ट-कचहरी) के इस ढिंढोरावादी मॉडल की सरकार ने इस महत्वपूर्ण मसले पर अॉर्डिनेंस लाने से इंकार कर दिया। रोस्टर की साज़िश यह है कि जब तक किसी विभाग में 4 सीटें विज्ञापित नहीं होंगी, कोई ओबीसी प्राध्यापक नहीं बन पाएगा, 7 सीटें एक साथ नहीं आएंगी, तो कोई दलित नहीं आ पाएगा और एकमुश्त 14 सीटें एडवर्टाइज़ नहीं हो पाएंगी तो कोई आदिवासी प्रोफ़ेसर नहीं बन पाएगा। 13 प्वाइंट रोस्टर ने आदिवासी को नेशन के इमेजिनेशन से ही बाहर कर दिया। लंबी लड़ाई के बाद हासिल आरक्षण की नृशंस हत्या हुई है।

इंडियन एक्सप्रेस की हालिया रिपोर्ट इस देश की शासन-व्यवस्था की कड़वी सच्चाई बयां करती है। 43 सेंट्रल युनिवर्सिटीज़ में एक भी ओबीसी एसोशिएट प्रोफ़ेसर या प्रोफ़ेसर नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़ 95.2% उच्च जाति के लोग प्रोफ़ेसर 92.90 फीसदी उच्च जाति के लोग एसोशिएट प्रोफ़ेसर और 76.14 प्रतिशत उच्च जाति के लोग एसिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। पहले से ही अंडररेप्रज़ेंटेड वर्ग के ऊपर विभागवार रोस्टर लाद कर उनके ख़ाबों को रौंद दिया गया है। विश्वविद्यालय नियुक्ति में शोषितों के रेज़र्वेशन को ख़त्म कर दिया गया और बत्तीसों दांत के साथ बिना किसी कमीशन की किसी रिपोर्ट के किसी रेकमेंडेशन के आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण को लाद दिया गया।

आज किसी क्षेत्र में सोशल डायवर्सिटी नहीं दिखती। 496 कुलपतियों में 6 आदिवासी, 6 दलित और 36 पिछड़े हैं, बाक़ी 448 कुलपति ‘अतिदरिद्र’ उच्च जाति के हैं। आखिर कब सबको समुचित प्रतिनिधित्व मिलेगा?

एसएलपी खारिज़ होने के बाद अभी-अभी राजस्थान युनिवर्सिटी का जो विज्ञापन आया है, उसमें एसटी-एससी-ओबीसी का रेज़र्वेशन ढूंढे से भी नहीं मिलेगा। हमारी पार्टी ने आने वाले बजट सेशन के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव डाल दिया है, मानव संसाधन विकास मंत्री को इस बाबत ख़त भी लिखा है। चूंकि सरकार का तब मानना था कि विभागवार रोस्टर ठीक नहीं है, तो अब सरकार इस पर तत्परता से बिल लाए। हमारे दल का प्रधानमंत्री जी से विनम्र निवेदन है कि तुरंत इस पर अध्यादेश लाए जाए। नहीं तो जुमलों की इस सरकार को बहुजन जनता सत्ता से उतार फेंकेगी।

हमारा दल सभी न्यायप्रिय साथियों से अपील करता है कि 31 जनवरी को मंडी हाउस से संसद मार्ग तक विशाल मार्च में शरीक होकर सरकार को अपनी ताक़त का एहसास कराएं। सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के लिए संघर्ष के हर मोर्चे पर हमारी पार्टी हमेशा आपके साथ खड़ी है।

संवाददाता
जितेन्द्र कुमार यादव
National Today Live Patna, Bihar

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