‘दिवाली’ पर धनबाद के उभरते हुए शायर की एक खूबसूरत नज़्म पढ़ने के लिए क्लिक करें।
NTL NEWS
कविता【नज़्म*】
प्यार के दीप जलाओ कि दिवाली आई…
गले दुश्मन को लगाओ कि दिवाली आई।।
नफ़रतें दिल की मिटाओ कि दिवाली आई।।
ग़ैर को अपना बनाओ कि दिवाली आई।।
मिलकर सब खुशियाँ मनाओ कि दिवाली आई।।
हर गली सज गई है बेशुमार तारों से।
हर मकाँ पट गया है रौशनी के धारों से।
ये ज़मीं बन गई है, आज आसमाँ जैसे।
आज आया है उतर चाँद-ओ कहकशाँ जैसे।
खूब आज धूम मचाओ कि दिवाली आई।।
आज रौशन किए हो, तुमने अपना घर सारा।।
दूधिया रौशनी में डूबा है नगर सारा।।
छल,जलन,लोभ,घमण्ड का है बसेरा कैसा?
दिल की दुनिया में है यूँ आज अंधेरा कैसा?
प्यार के दीप जलाओ कि दिवाली आई।।
ग़ुलाम ग़ौस आसवी,
कवि ग़ुलाम ग़ौस आसवी, पीके रॉय कॉलेज,धनबाद के राजनीतिक शास्त्र, स्नातकोत्तर विभाग(पीजी) के पूर्व छात्र और आईपीएस, करकेन्द बाज़ार में शिक्षक हैं।
नेशनल टुडे लाइव सच के साथ सच की बात धनबाद में no 1
1,927 total views, 1 views today