नौकरी छोड़ विरासत में मिली म्यूजिक बिज़नेस को एक नया मुकाम दिया शिवा म्यूजिक।
-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)
राँची, नेशनल टुडे लाइव।”शिवा म्यूजिक मुझे विरासत में मिली हैं-यशराज सुनेजा””झारखण्ड के बहुत ही प्रसिद्ध म्यूजिक कंपनी शिवा म्यूजिक के ओनर यशराज सुनेजा ने अपने बिज़नेस को एक अलग ही तरह से करके झारखण्ड के म्यूजिक इंडस्ट्री को एक अलग मंच दिया हैं।चूँकि, आज का दौर ऑनलाइन का हैं।ऐसे में जब से सीडी बिज़नेस पूरी तरह से बंद हुआ हैं।झारखण्ड में क्षेत्रीय गीत संगीत का बाजार बहुत ही कम हो चूका हैं।यहाँ के कलाकार भी म्यूजिक एल्बम अब बहुत कम ही बनाते हैं।लेकिन,शिवा म्यूजिक को जब से यशराज सुनेजा से संभाला हैं।तब से झारखण्ड में जितने भी भाषाओँ में म्यूजिक वीडियो एल्बम बनता हैं।सभी के लिए शिवा म्यूजिक हमेशा से सहयोग के लिए तैयार रहा हैं।1983 ई. में यशराज के पिता स्व. त्रिलोकीनाथ सुनेजा ने कंपनी को स्थापित किया।उस समय ऑडियो टेप बिकता था।इस वजह से यशराज के पिता ने ऑडियो टेप में म्यूजिक एल्बम बनाकर बेचने का कारोबार शुरू किया।लेकिन,यशराज के पिता को ज़रा भी रूचि संगीत में नहीं थी।वे सिर्फ बिज़नेस के लिए इसकी शुरुआत किये थे।यशराज सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग किये।फिर एमबीए भी कम्पलीट किये।इसके बाद वे कई बड़ी कंपनी में जॉब करते रहें।शिवा म्यूजिक ने कई ऑडियो सीडी जैसे झांझों रानी,गुयाँ, पायल आदि बनाये।इसके साथ ही पहली नागपुरी फिल्म सोना कर नागपुर म्यूजिक राइट्स भी शिवा म्यूजिक ने लिया।2001 ई. में वीडियो सीडी का दौर आया।सब कुछ ठीक चल रहा था।लेकिन,2002 ई. में यशराज के पिता की मौत हो गयी।कंपनी को अब दीपक नाथ सहाय अकेले ही चला रहे थे।2002 ई. से 2009 ई. तक दीपक नाथ सहाय ही कंपनी को चलाते रहें।पर,धीरे धीरे समय बदला विडियो सीडी का भी दौर ख़त्म हो गया।म्यूजिक इंडस्ट्री पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी थी।ऐसे में यशराज का जुड़ना जरूरी था।इस कारण से 2009 ई. में यशराज सुनेजा शिवा म्यूजिक से जुड़ गए।इन्होंने सबसे पहले झारखण्ड की तमाम छोटी-छोटी म्यूजिक कंपनी को शिवा म्यूजिक के साथ विलय कर लिया।इसके बाद कंपनी के साथ कोरियोग्राफर प्रीतम,कैमरामैन आकाश,उमेश,रोहित,शोभा,स्वाति,शिवम्,पंकज आदि जुड़ते गये।आज कंपनी के पास 35000 से भी ज़्यादा विडियो हैं।जो विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में हैं।
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