पिता थे प्राइवेट टीचर पर चाचा से प्रेरित होकर ज्योतिषी बनकर बनाई अपनी पहचान

युधिष्ठिर महतो (कुमार युडी)।

धनबाद।डॉ रामचन्द्र मिश्र गोल्ड मेडलिस्ट ज्योतिषी हैं।माँ बंगलामुखी के साधक हैं।साथ ही ज्योतिष क्षेत्र में 25 सालों का अनुभव भी रखते हैं।मूलतः गढ़वा के रहने वाले डॉ रामचन्द्र मिश्र के पिता स्व. श्रीकांत मिश्र प्राइवेट शिक्षक थे।लेकिन,उनके चाचा स्व. पंडित भुवनेश्वर मिश्र ज्योतिषी थे।जिन्हें देखकर स्वयं रामचन्द्र भी प्रभावित हुए और मन बना लिया कि वे भी ज्योतिषी बनेंगे।शुरुआती पढ़ाई लिखाई गाँव के ही सरकारी स्कूल से हुई।फिर इंटर की पढ़ाई डालटनगंज से हुई।बीकॉम गुरु नानक कॉलेज धनबाद से करने के बाद इलाहाबाद से ज्योतिष की पढ़ाई की।परिवार में आर्थिक स्तिथि अच्छी ही रही हैं।खेती-बाड़ी भी होती थी।ज्योतिष की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने धनबाद बोकारो में अपना परामर्श केंद्र कार्यालय खोला।जहाँ जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं के विषय मे उचित सलाह लोगों को देते हैं।


डॉ रामचन्द्र मिश्र ने अपने विचारों से मीडिया को अवगत कराते हुए कहा कि आज की पीढ़ी भौतिक जरूरतों की वजह से बहुत ज़्यादा मायूस हो रहे हैं।इस कारण ग्रह नक्षत्रों की समस्याओं को लेकर ज़्यादा से ज़्यादा लोग चिंतित हैं।वे सभी अपनी समस्याओं को लेकर उचित सलाह के लिए डॉ रामचन्द्र मिश्र के पास आते हैं।उन्होंने बताया कि लोगों को ज्योतिष पर विश्वास हैं।आधुनिक समाज लोगों का रुझान ज्योतिष की ओर भी बढ़ा हैं।चूँकि, आज समाज में सभी कोई न कोई कारण से परेशान हैं।इसी समस्या के उचित परामर्श हेतु लोग ज्योतिषी से मिलते हैं।खास कर युवा वर्ग की समस्या अधिक होती हैं।किसी को पढ़ाई की समस्या हैं।तो कोई नौकरी के लिए परेशान हैं।कोई प्रेम विवाह से परेशान होता हैं।तो किसी की समस्या अन्य होती हैं।इस प्रकार से पहले से ज़्यादा लोगों की समस्याएं बढ़ी हैं।


जो लोग ज्योतिष को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।उनके लिए भी उन्होंने कहा कि आज ज्योतिष क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।क्योंकि,लोगों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं।ऐसे में ग्रह नक्षत्र के चाल और गुण दोष से ही समस्या दूर हो सकती हैं।आज ज्योतिष की पढ़ाई के लिए कई यूनिवर्सिटी कॉलेज आदि खुल चुका हैं।जहाँ अच्छी शिक्षा भी दी जा रही हैं।लेकिन,एक अच्छा और सफल ज्योतिषी बनने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान होना आवश्यक हैं।क्योंकि,बिना आध्यात्मिक ज्ञान के सही भविष्यवाणी कर पाना सम्भव नहीं हैं।


युवा पीढ़ी को इनका संदेश बहुत ही निष्पक्ष और सरल हैं कि भौतिक दुनिया में न खोए।आज के युवाओं में शादी की समस्या खास कर होती हैं।इस वजह से आपसी रजामंदी और कुंडली मिला कर ही परिवार की सहमति से शादी करें।जब भी सलाह ले,किसी अच्छे ज्योतिषी से ही सलाह ले।क्योंकि,वर्तमान में कई ज्योतिषी हो गए हैं।पर,जिनके परामर्श से लाभ होता हो।उन्ही से सलाह लेनी चाहिए।
डॉ आर सी मिश्र ने स्वामी जी महाराज से दीक्षा ली हैं और उन्हें ही अपना आदर्श भी मानते हैं।पूर्व राज्यपाल डॉ भीष्मनारायण से सम्मानित भी हैं।वर्तमान में ये अपने परिवार के साथ बोकारो में रहते हैं।ज्योतिष शास्त्र के विषय में कहा कि यह पूर्ण रूप से गणित का खेल हैं।किसी भी जाति धर्म के लोग ज्योतिषी बन सकते हैं,अगर आपके पास गणित का ज्ञान हैं।साथ ही आध्यात्मिक ज्ञान भी।

रिपोर्टर :- सरताज खान

★छायाकार :- संतोष कु. यादव

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