पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कमी कर रची जा रही हैं हत्या की साजिश।
सुरक्षा कम कर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है-बाबूलाल मरांडी।
कोडरमा बाजार।
जांच एजेंसी के समक्ष कुख्यात माओवादी कुंदन पाहन के द्वारा स्वीकारोक्ति बयान में तमाड़ के विधायक रमेश सिंह मुंडा के पहले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के हत्या करने के प्लान के बाबत खुलासा किये जाने पर झाविमो सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाम मरांडी ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. मरांडी ने कहा है कि वे हमेशा जनहित की राजनीति करते रहे हैं. पैसा और पद के लिए नहीं. यही कारण है कि वे हमेशा माओवादियों-नक्सलियों के नजर में खटकते हैं और उनके हिट लिस्ट में रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इससे भलीभांति परिचित है. बावजूद उन्हें मिले जेड प्लस सुरक्षा को घटा कर वाई श्रेणी का कर दिया गया. स्थानीय परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मरांडी ने राज्य सरकार पर ऐसा जानबूझ कर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सुरक्षा समिति की बैठक में मेरी जेड प्लस की सुरक्षा को घटाया गया. हालांकि इसकी लिखित जानकारी मुझे नहीं दी गयी, बल्कि अखबार के माध्यम से जानकारी मिली.
उन्होंने कहा कि मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है, उसके लिए कार्यकर्ता व मेरे शुभचिंतक काफी हैं. किन-किन लोगों से मुझे खतरा है इसकी जानकारी मुझे है. मरांडी ने कहा कि मुझे आशंका है कि मेरी सुरक्षा को घटा कर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है, लेकिन हम इससे घबराने वाले नहीं हैं. सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि वे केवल माओवादियों के ही नहीं, बल्कि सरकार के भी हिट लिस्ट में हैं. इसके बावजूद उनका जन आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार जिस तरह से जनहित को अनदेखी कर रही है आने वाले चुनाव में राज्य की जनता इसका हिसाब जरूर लेगी. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बताना चाहिए कि उनके पुत्र का कारोबार 50 हजार से बढ़कर 80 करोड़ कैसे हो गया.
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के द्वारा केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने, जीएसटी मुद्दे पर सरकार से सवाल करने के बाबत उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा ने वही कहा जो उनको कहना चाहिए. सिन्हा राष्ट्र धर्म निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष जब-जब एकजुट रही है राज्य के चुनाव में भाजपा कभी भी बढ़त हासिल नहीं कर पाया है. 2019 के चुनाव में यदि विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़े तो भाजपा की करारी हार होगी. इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. मौके पर पार्टी नेता खालिद खलील, सुरेश साव, बेदु साव, सुनील यादव, देवेन्द्र मेहता, सरवर खान, अरशद खान, मो दानिश आदि मौजूद थे.
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