भोजपुरी फिल्म एक योगी का पहला दिन रहा सुपरहिट क्लिक करें और जाने।

NTL NEWS. CON:7909029958. SANTOSH YADAV

हजारीबाग।भोजपुरी फ़िल्म एक योगी 13 सितम्बर को झारखंड के कई सिनेमाघरों में रिलीज हुई।फ़िल्म रिलीज के साथ ही पहले दिन के शो में सुपरहिट साबित हुआ।अन्य भोजपुरी फिल्मों की तुलना में इस फ़िल्म का बिज़नेस बहुत ही बेहतर रहा।पहले दिन हजारीबाग में इस फ़िल्म का बिज़नेस बहुत ही बढ़िया रहा।लगभग 300 से भी अधिक दर्शकों ने फ़िल्म को देखा।फ़िल्म की प्रशंसा भी की।फ़िल्म की कहानी गीत संगीत अभिनय दर्शकों को काफी पसंद किया जा रहा हैं।इस फ़िल्म को देखने आने वालें दर्शकों के लिए मनोरंजन के अलावें एक खास ऑफर भी हैं।फ़िल्म के निर्माता व टीम ने दर्शकों के लिए लकी ड्रॉ रखा हैं।अर्थात जब फ़िल्म सिनेमाघर से उतर जाएगी।तब एक लकी ड्रॉ करवाया जाएगा।जिसमें बम्फर प्राइज टीवी,प्रथम पुरस्कार म्यूजिक सिस्टम,द्वितीय पुरस्कार पंखा और तृतीय पुरस्कार दीवाल घड़ी हैं।जबकि,अन्य साथ दर्शकों के लिए सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाएगा।तो फ़िल्म देखने आये और ईनाम जितने का मौका पायें।
आपको बता दें कि यह फ़िल्म गाँधीवादी विचारधारा पर आधारित हैं।फ़िल्म का निर्माण पार्वती फ़िल्म प्रोडक्शन और महतो क्रिएशन के बैनर तले किया गया हैं।यह फ़िल्म अभिनेता सुबोध महतो की पहली भोजपुरी फ़िल्म हैं।जिसमें मुख्य नायक के रूप में दर्शकों को नजर आयेंगे।यह फ़िल्म झारखंड में बनी हैं।जबकि,फ़िल्म की टेक्निकल टीम मुम्बई से थी।फ़िल्म पूरी तरह से पारिवारिक और मनोरंजक फ़िल्म हैं।इस फ़िल्म में दर्शकों को भोजपुरी सिनेमा में कुछ नया अनुभव मिलेगा।
फ़िल्म के अभिनेता सुबोध महतो इस फ़िल्म में तपिश उर्फ योगी के किरदार में हैं।बचपन से ही योगी गुरु आश्रम में पले बढ़े फिर शिक्षा के लिए विदेश चले जातें हैं।गुरु तपसी सरकार की आज्ञा से योगी गाँव में अशिक्षा,अंधविश्वास आदि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के प्रयास में अग्रसर होते हैं।लेकिन,गांव के प्रमुख को योगी का सामाजिक कार्य नापसंद होता हैं और वह बाधा डालता हैं।योगी को प्रधान की बेटी से प्यार हो जाता हैं।जिसका फायदा उठाकर प्रमुख योगी को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।इस तरह से फ़िल्म में मनोरंजन के साथ सामाजिक संदेश भी हैं।
फ़िल्म के निर्देशक अमर दुबे ने फ़िल्म को लेकर कहा कि यह फ़िल्म बनाने का मुख्य कारण हैं कि भोजपुरी जगत में अश्लीलता से दूर कुछ अलग फिल्में बनाई जाएं।यह भोजपुरी जगत की पहली फ़िल्म हैं,जो गाँधीवादी विचारधारा पर आधारित हैं।कहानी आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तैयार की गई हैं।
फ़िल्म की कहानी नंदलाल सिंह ने लिखी हैं।जबकि,संगीत अली फैज़ल का हैं।फ़िल्म में कशिश खंडेलवाल,नंदलाल सिंह,अशोक श्रीवास्तव,बॉबी शर्मा,बबिता श्रीवास्तव,धनंजय डीके,रूबी राज व अन्य ने भी अभिनय किया हैं।

फ़िल्म के पीआरओ कुमार युडी हैं।

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