रात को नौकरी और दिन को शौक पुरा कर अभिनय में बनायी भरत महतो ने अपनी पहचान।

 

-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)

कतरास(धनबाद)।भरत महतो सदरियाडीह धनबाद से हैं।लेकिन,मुम्बई में छोटे -छोटे काम के जरिये अपने अभिनय से एक अलग पहचान बनाई हैं।बचपन से ही पढ़ने-लिखने के अलावे नाटक में रूचि थी।स्कूल कॉलेज में भाग भी लिया करते थे।परिवार में अपने चार भाई बहनों में बड़े हैं।जब बहन की शादी हुई।उसके बाद अपने पिता से बात करके मल्टीमीडिया के लिए करने की इच्छा जाहिर की।पर,उस समय तुरंत संभव नहीं था।लिहाज़ा,धनबाद में रहकर ही अपनी पढाई जारी रखते रहें।

भरत ने आखिरकार ज़िद करके यह मन बना लिया कि अब वह भी मुम्बई जायेगा।एमसीए करने के बाद जो कुछ भी थोड़ा पैसा बचा के रखे थे।वह लेकर और अपनी बहन से भी कुछ पैसे लेकर मुम्बई अपने दोस्त के पास चले आते हैं।मुम्बई में फिशरीज कंपनी में काम करते रहें।फिर एक दिन अपने मेनेजर से एडवांस लेकर मल्टीमीडिया करने लगे।रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक काम किया करते थे।सुबह पढाई किया करते थे।इस तरह यहाँ वहाँ करते-करते मल्टीमीडिया कम्पलीट किये।इसके बाद थिएटर ज्वाइन कर लिए।स्मिता पाटिल स्ट्रीट थिएटर से जुड़कर कई शॉर्ट फिल्म्स और टीवी सीरियल में काम करते रहें।

कॉमेडी क्लासेस, अकबर बीरबल,जय हनुमान,सिया के राम आदि सीरियल के अलावे कई मराठी सीरियल में भी काम करते गये।भरत अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय हैं और कुछ हिंदी फिल्म में भी काम चल ही रहा हैं।अभी हाल ही कई सीरियल और भी आने वाले हैं।जो कुछ बड़े चैनल तो कुछ छोटे चैनल पर भी प्रसारित होगी।उनमे से चकन्द्रकांता की कहानी,औरत का मायाजाल,दबंग रिपोर्टर आदि हैं।उम्मीद करते हैं भरत यूँ ही अभिनय में बढ़िया काम करते रहे।

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