लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव की शादी में छिड़ा महासंग्राम क्लिक करें और जानें।
लालू प्रसाद का नाम जहां जुड़ता है सियासत को जैसे छौंक लग जाता है। पूरा माहौल छींक और खोंखने में व्यस्त हो जाता है। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप की शादी का अवसर भी बड़ी राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। कौन आया किसने किनारा किया और किसी न्योता नहीं दिया गया। ई सब बात को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है। बेटा लालू-राबड़ी का और चर्चा पूरे बिहार का। तेजप्रताप और उनकी धर्मपत्नी दोनो की वैवाहिक जीवन परिवार में खुशियों की बौछार लाई है। कदम रखते हैं लालू को बेल मिली और परिवार में कुल्हि पुराना लफड़ा झगड़ा मिटकारी के मामा-मामी सब एक हो गए।इसके साथ ही सियासी लोगों का भी जमावड़ा खूब जम कर जुटा। आज विरोधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शादी में आये और वर वधु को आशीर्वाद दिया। इस पर भी खूब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।वहीं इस बात को लेकर भी खूब चर्चा है कि भाजपा के बड़े नेताओं ने निमंत्रण के बाद भी लालू परिवार के इस शादी से किनारा किया। इससे भी ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर है कि गठबंधन में साथ रहने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी लालू के साथ मंच पर आने से परहेज किया। जहां निमंत्रण मिलने के बाद शादी से दूर रहने वालों की चर्चा हो रही है वहीं दूसरी तरफ पप्पू यादव को इस शादी में निमंत्रण नहीं मिलने को लेकर भी खूब चर्चा है। मीडिया का रुख इन सब विषयों के पड़ताल में लगा हुआ है। आखिर हो भी क्यों न बिहार के सबसे बड़ी राजनीतिक परिवार का मामला है।इन सब चर्चाओं के बावजूद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या की शादी ने यह बात एक बार फिर इस बात को साफ किया कि सियासत अपनी जगह है और व्यक्तिगत संबंध, भारतीय संस्कार अपनी जगह। यह बात खासकर यहां लालू और नीतीश के संदर्भ में है। इस हाई प्रोफाईल शादी में जुटे तो देश भर के कई दिग्गज थे लेकिन सबकी निगाहें टिकी थीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर। महागठबंधन टूटने के बाद पहली बार उन्हें और लालू प्रसाद को एक साथ किसी मंच पर देखा गया था। इस बीच इनके संबंधों में जिस तरह की कड़वाहट देखने को मिली थी, खासकर के महागठबंधन सरकार टूटने के बाद। मीडिया के साथ बिहार के राजनीतिक तलाश थी। उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी जिस तरह से सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार पर हमलावर थे, उससे उत्सुकता और बढ़ गई थी क्या होगा। पर हुआ वही जो असल में होना चाहिए था, सियासत पर संस्कार भारी पड़े। खूब धूम धड़ाका के साथ लालू प्रसाद के स्टाइल में शादी हुई। लज़ीज़ खाना और वहीं शादी में शामिल हुए लोग इस शादी को यादगार बता रहे हैं।सबसे बड़ी बात है कि इस शादी की सबसे बड़ी चर्चा इस बात को लेकर है की भाजपा और जदयू के बीच की तल्खी को खत्म करने के लिए क्या लालू-नीतीश एक बार फिर से दही का टीका लगाएंगे। जी हाँ, नीतीश कुमार ना केवल तेजप्रताप यादव की शादी में शामिल हुए, बल्कि पूरी आत्मीयता और सहजता के साथ वरमाला की पूरी रस्म के दौरान मंच पर ही मौजूद रहे। लालू सहित तेजस्वी यादव ने भी गर्मजोशी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों ने उठकर नीतीश का स्वागत किया वहीं लालू प्रसाद देर तक उनसे हाथ मिलाए रहे जो मीडिया को खुराक दे गया। वाइज भी मीडिया को शादी के प्लेट से ज्यादा राजनीतिक प्लेट के व्यंजन की तलाश थी। मीडिया के बंधुओं के पेट भरने से ज्यादा कैमरे की भूख बढ़ी हुई थी।कैमरे ने भूख मिटाने के लिए नीतीश कुमार के इर्दगिर्द अपना मुंह रखना ज्यादा बेहतर समझा। ये सही भी था क्योंकि लालू प्रसाद के सभी बच्चे बारी-बारी से चाचा नीतीश से मिले। जो नहीं मिले थे उन्हें राबड़ी देवी ने बुला-बुला कर मिलाया। ऐसा लग रहा था कि पहचान करवा रही हैं कि देख लो यही हैं जिनके कारण आज लालू जी और उनके परिवार का ये हाल है। खैर नीतीश, लालू, तेजस्वी और राबड़ी एक साथ एक सोफे पर बैठे थे, ऐसा लगा जैसे सब भुला कर देवर-भाभी फिर से एक हो गए हैं या जल्दी ही शाफ़ई के बाद एक मंच पर रहेंगे। मीसा से लेकर तेजस्वी तक आए और मां और चाचा नीतीश के बीच बैठ कर तस्वीर खिंचवाई। बगल के सोफे पर लालू राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बैठे थे। तेजप्रताप की शादी ने इस अद्भुत दृश्य को मीडिया के लिए एक अवसर के रूप में दिया।आपको बता दें कि इस ऐतिहासिक बन चुकी शादी में देश के कई राजनीतिक दलों के दिग्गज शामिल हुए। इन नेताओं में फारूक अब्दुल्लाह, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव, अजीत सिंह, शरद यादव, प्रफुल्ल पटेल, शत्रुघ्न सिन्हा, दिग्विजय सिंह, हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी एवं डी. राजा प्रमुख थे। अब इस जुटान को राजनीतिक चश्मे से देख कर इसका मायने भी निकाला जाने लगा है। भले किसी नेता के द्वारा सियासी बयान नहीं दिया गया, परंतु इस समारोह में मौजूद नेताओं को देख कर बहुत कुछ भविष्य की कहानी समझ मे आने लगी है।इस शादी की कुछ बातें बेहद खास हैं जैसे कि बाबा रामदेव का आशीर्वाद देने पटना में आगमन। बिहार के सभी प्रमुख नेता रामविलास पासवान, जीतनराम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा भी शादी में आशीर्वाद देने पहुंचे। सूबे के वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पोलैंड यात्रा के कारण समारोह में नहीं आ सके। भाजपा के नेताओं के तरफ से बयान आया है कि चंद्रिका राय एवं लालू प्रसाद के घर वर वधु को खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए ढेरो शुभकामनाएं। शादी में देश के वरिष्ठ वकील एवं राजद के राज्यसभा सांसद रामजेठमलानी भी पहुंचे। मिलाजुला कर लालू प्रसाद के शादी में शामिल होने से खुशनमे माहौल में शादी संपन्न हुई। इसके साथ इस शादी समारोह ने राजनीति में जिस पर चर्चा और कयासों का माहोल गर्म रहने वाला है। लालू को न्यायालय से मिले जमानत के बाद राजनीति में थोड़ा और उबाल आने वाला है। आज लालू प्रसाद रांची रवाना होंगे वहां से लौटने के बाद बिहार का माहौल शादी से राजनीतिक के तरफ शिफ्ट करेगा।
रिर्पोटर
(विशाल कुमार पटना)
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