सच्चाई की राह पर चल कर एक सफल इंसान बनना ही हैं मेरा लक्ष्य-फलक फातिमा।

युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)।

वासेपुर(धनबाद)।मार्क्सवादी स्टूडेंट्स फेडरेशन की उपाध्यक्ष फलक फातिमा वासेपुर धनबाद की रहने वाली हैं।वर्तमान में एसएसएलएनटी से बीएससी कर रही हैं।दसवीं और बारहवीं तक की पढ़ाई गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल से की।फलक अपने चार बहनों में सबसे छोटी हैं।पिता हमीद उल हक पेशे से वकील हैं।माँ तलत फातिमा पूर्ण रूप से गृहणी हैं।फलक अपने स्कूल के दिनों से ही क्लास मॉनिटर हुआ करती थी।छात्र नेत्री के रूप में अभी छात्र हित में काम कर रही हैं।पर,कभी नेता बनने का शौक नहीं रहा हैं।बचपन से ही एक डॉक्टर बनने का मन था।इस वजह से साइंस लेकर ही पढ़ाई की हैं।पर,क्षेत्र कोई भी हो फलक का हमेशा से ही मन रहा हैं कि सच्चाई के साथ जन सेवा करना।राजनीति में लगाव हैं,पर ऐसा जरूरी नहीं हैं कि भविष्य में राजनीति से जुड़े।अगर अच्छा अवसर मिला तो सोचेगी।नहीं तो फिर इनका सपना हैं कि आईएएस बनकर समाज के लिए कुछ बेहतर करना हैं।


छात्र संगठन से जुड़ना और चुनाव लड़ना।यह अचानक ही हुआ।कॉलेज में चुनाव होने वाला था।स्टूडेंट्स के लिए कुछ करना चाहते थे।इस वजह से फलक ने चुनाव लड़ना चाहा और छात्र संगठन से जुड़ गए।नवंबर 2016 में चुनाव लड़ी और इसमें जीती भी।छात्र चुनाव में विजयी होने के पश्चात कॉलेज के छात्राओं के लिए कई काम किये।सेमिनार का आयोजन किया गया,जिसमें टॉपिक था “एजुकेट दी गर्ल एमपावर दी नेशन”।सेमिनार के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया।ताकि छात्राओं को सम्मान मिले।लड़कियाँ अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो।इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में वाईस चांसलर डॉ रमेश शरण मौजूद थे।जिन्हें व्यक्तिगत रूप से फलक ने बुलाया था।


कॉलेज की समस्याओं को लेकर फलक ने कहा कि एडमिशन की समस्या ख़ास कर ज़्यादा हैं।ऑनलाइन की वजह से छात्राओं को दिक्कत होती ही हैं।कॉलेज परिसर में पानी की भी समस्या हैं।फलक का कहना हैं कि पानी सीधे नगर निगम से मिलें।डीसी से वाटर फ़िल्टर और माइक के लिए भी बातचीत की गई।कॉलेज को फण्ड भी अन्य कॉलेजो के मुकाबले बहुत कम मिला हैं।जिससे काम करने में बहुत दिक्कत होती हैं।फलक छात्राओं की समस्याओं को लेकर कुछ बेहतर करना चाहती हैं।कॉलेज परिसर में कई समस्याएं हैं।जिस पर चर्चा की जा रही हैं।जिसका परिणाम भी बहुत जल्द दिखेगा।


ज़िन्दगी में फलक ने अपनी एक सोच बना ली हैं कि सच्चा और एक सफल इंसान बनना हैं।परिवार में माता-पिता का बहुत ही सहयोग रहा।ये अपना आदर्श भी अपने माता-पिता को ही मानते हैं।बहनों का भी बहुत ही सहयोग रहा हैं।रिश्तेदारों के भी काफी सराहनीय सहयोग रहा।छात्राओं को देखकर प्रोत्साहित हुई।आज नाम और अपनी पहचान हैं।जिसे देखकर माता पिता बहुत ही खुश हैं।
समाज में लड़कियों के साथ जो भी हिंसा हो रही हैं।उसके खिलाफ सख्त कानून बननी चाहिए।फलक ने यह भी कहा कि आज भी लड़कियाँ स्वतंत्र व सुरक्षित नहीं हैं।बहुत से समाज में ऐसे परिवार भी हैं।जहाँ लड़कों से ज़्यादा लड़कियों को महत्व देते हैं।पर,अब सोच बदलने की जरूरत हैं।क्योंकि,लड़का और लड़की में फ़र्क़ क्यों करें?आज लड़कियाँ भी बहुत कुछ कर रही हैं।हर क्षेत्र में लड़कियाँ भी नाम और पहचान बना रही हैं।फिर,क्यों असमानता का शिकार हो रही हैं लड़कियाँ?लड़कियों को फलक ने प्रोत्साहित करने के लिए बस इतना ही कहा कि अपनी ज़िंदगी खुल के जियों।जो भी सपने देखे हैं,उसे पूरे करों।समाज में मान सम्मान और खुद की अपनी एक पहचान बनाओ।

★रिपोर्टर:-सरताज खान

★छायाकार:-संतोष कुमार यादव

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