सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी को छोड़ कर संगीत को बना लिया अपनी दुनिया अभिषेक।
-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)।
धनबाद।अभिषेक कु. मिश्र वर्तमान में संगीत की दुनिया मे अपना नाम और पहचान बना चुके हैं।धनबाद से लेकर मुम्बई तक युवाओं के बीच खास चर्चित हैं।इनके गीतों की संख्या ज़्यादा नहीं हैं।पर उनकी चर्चा होती ही रहती हैं और युवा ऑनलाइन अभिषेक की गीतों का भरपूर मजा लेते हैं।इन्हें संगीत की दुनिया मे जो भी नाम और पहचान मिला हैं।सब कुछ इसकी अपनी मेहनत का फल हैं।चूँकि, परिवार में पहले कोई इस क्षेत्र से जुड़े हुए नहीं थे।पर किस्मत ने साथ दिया,फिर मेहनत ने मुकाम।
अभिषेक के परिवार में म्यूजिक के शौकीन सभी रहे हैं।पर कोई भी व्यवसायिक रूप से नहीं जुड़े थे।अभिषेक अपने परिवार से पहले हैं।जिन्होंने प्रॉफेशनल्ली म्यूजिक को अपनी दुनिया बना ली।अभिषेक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे।जब कॉलेज में थे,तभी कुछ ऐसा हुआ कि सिर्फ एक दिन में ही इसकी किस्मत बदल गयी।कॉलेज के फाइनल ईयर में टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा एक युथ फेस्टिवल आयोजित किया गया था।इस प्रोग्राम में एक शर्त थी कि जो भी जीतेगा।वह बॉलीवुड गायक सोनू निगम के साथ परफॉर्म करेगा।इससे पहले अभिषेक ने किसी भी तरह की कोई ट्रैनिंग नहीं ली थी।अभिषेक के जीतने के साथ ही उसकी किस्मत का बन्द दरवाज़ा खुल गया।फिर मौका मिला सोनू निगम के साथ परफॉर्म करने का।परफॉरमेंस के बाद सोनू निगम ने खुद कहा कि अभिषेक तुम एक बार इंडियन आइडल ट्राय करो और एक बात याद रखना छोटे शहरों में ऑडिशन देना।फ़िर क्या था अभिषेक ने सोचा जब इतने बड़े गायक बोल रहे हैं।कुछ तो बात होगी।
अभिषेक ने भोपाल से इंडियन आइडल के लिए ऑडिशन दिया।जहाँ से वे चुने गए।पर अब तैयारी करनी थी,क्योंकि जैसे-जैसे आप मुकाम हासिल करते हैं।आपके लिए हर चीज को बरकरार रखने के लिए बेस्ट होना पड़ता हैं।ऑडिशन में सफल होने के बाद म्यूजिक की तालीम गुलाम मुस्तफा अली खान साहब से सीखना शुरू किया।इनके पास से सोनू निगम ने भी संगीत की तालीम ली थी।अभिषेक ने लगातार 6 सालों तक खान साहब से सीखते रहें और आज भी संगीत की शिक्षा जारी रखे हुए हैं।वेस्टर्न संगीत की शिक्षा सुज़ैन टीमेलो से वर्तमान में ले रहे हैं।सुज़ैन यूएस में पली बढ़ी हैं।पर,अब इंडिया में ही ज़्यादातर रहना होता हैं।
इंडियन आइडल 2007 सीजन थ्री में टॉप 7 में इन्होंने अपनी जगह बनाई।फिर दो ढाई साल तक नौकरी करते रहे और संगीत भी जारी रखा।नौकरी की वजह से सिर्फ शनिवार और रविवार को ही म्यूजिक के लिए समय दे पाते थे।इस वजह से नौकरी छोड़ पूरी तरह से इसमें लग गए।अभी तक के इनके कामों में 9 गाने ऐसे हैं।जिसे सोनी म्यूजिक कंपनी ने रिलीज किया हैं।जिसमे कुछ गाने अमित त्रिवेदी,अजय सिंघा और लेजली लेविस के साथ हैं।टी-सीरीज के प्रोडक्शन में बनी फिल्म डॉन के बाद कौन के लिए भी अपनी आवाज़ दे चुके हैं।इसके अलावे कई विज्ञापन के लिए भी अपनी आवाज़ दी हैं।तो कई टीवी सीरियल के लिए गा भी चुके हैं।इनका अपना स्टेग़ज़ नाम से म्यूजिकल बैंड भी हैं।इस बैंड से कई सिंगर जुड़े हुए हैं।
इवेंट कंपनी के नाम से एक प्रोडक्शन कंपनी भी हैं।जो इसी नाम से हैं।अगर अवॉर्ड की बात करें।तो कई अवॉर्ड जैसे इंडियन टेलीविज़न अवॉर्ड से बेस्ट सिंगर का अवॉर्ड, वी चैनल द्वारा सिंगर ऑफ द वीक और टॉइफ़ा द्वारा कॉन्सेलेशन अवॉर्ड।धनबाद और यहाँ के युवा कलाकारों में कहा कि प्रतिभा ठीक हैं।पर आपको कमर्शियली भी तैयार होना पड़ेगा।इसीलिए बहुत जल्द झारखंड स्तर पर एक एकैडमी का शुभारंभ करने की तैयारी भी अभिषेक कर रहें हैं।इस एकैडमी के माध्यम से कलाकारों को हर तरह से तैयार किया जाएगा।रियलिटी शोज,यूट्यूब,टीवी,रेडियो आदि हर प्रकार की ट्रैनिग देकर कलाकार को इतना तैयार किया जाएगा कि वह कलाकार अपने टैलेंट से कमाई कर अपनी जीविका चला सकता हैं।मतलब कि एक नया बदलाव झरखंड में आएगा।
अभी तक अभिषेक के पास खुद के लिखे और गाये हुए करीब 74 अनरिलिज गाने हैं।जो भविष्य में संगीत प्रेमियों के लिए उपलब्ध होगी।उन्होंने कहा कि बिना सीखे ही मुझे पहला मौका तो मिला।पर संघर्ष मैंने भी किया हैं।झारखंड की कला संस्कृति और यहाँ के नई कला पीढ़ी के लिए अभिषेक की प्लांनिग जारी हैं।फ़िल्म नीति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए बढ़िया हैं।पर यहाँ बाहर के शहर की तुलना में धोखाधड़ी भी ज़्यादा हैं।सरकार को पुख्ता काम करनी चाहिए।साथ ही जो लोग झारखंड में फ़िल्म और संगीत के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।उन्हें भी सही तरीके से काम करने की जरूरत हैं।जब कभी भी धनबाद वासी अभिषेक को याद करते हैं।अभिषेक हर वक़्त बीच बीच में विभिन्न कार्यक्रम के लिए आते ही रहते हैं।अभिषेक का मानना हैं कि अपना शहर अपना ही हैं।इस शहर से जो प्यार सम्मान मिला उसके लिए बहुत शुक्रगुज़ार हूँ।तो ऐसे में शहरवासियों को कैसे भुलाया जा सकता हैं।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब कभी भी धनबाद याद करेगा।वह जरूर उपस्तिथ होंगे।धनबाद क्या वह तो पूरे झारखंड के लिए सदैव तैयार रहते हैं।युवा प्रतिभा को बस एक ही मन्त्र दिया कहा कि अपने टैलेंट को छुपाए नही,कोशिश करें और अपनी कमी को परख कर उसे दूर कर रास्ता बनाते चले।माता पिता सदैव अपने बच्चे बच्चियों को आगे बढ़ने में प्रोत्साहित करें।न कि उसे आगे बढ़ने से रोके।सभी काम मे संघर्ष है और सभी काम मे सफलता। भी।बशर्ते आप सिर्फ अपना 100 प्रतिशत दे।
“”नेशनल टुडे लाइव की टीम अभिषेक कु. मिश्र को धन्यवाद देती हैं कि अपना कीमती समय आपने हमारे लिए दिया।उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना।””
-छायाकार संतोष कुमार यादव के साथ धनबाद से सरताज खान की रिपोर्ट।
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