हुल दिवस के मौके पर हुआ ये नेक काम JMM नेत्री नीलम मिश्रा ने कही ये बात क्लिक करें और जाने पूरी खबर
धनबाद :जेएमएम मुख्यालय सोराय भवन तेली पड़ा में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक हूल दिवस पर अमर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो व अन्य वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया|झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष, केंद्रीय सदस्य व जिला प्रवक्ता नीलम मिश्रा सहित कई पदाधिकारी, कार्यकर्ता गण मौजूद थे।
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सिदो- कन्हू, चांद-भैरव के साथ साथ , फूलो-झानो , बहनों और वीर शहिदों को हूल दिवस पर शत शत नमन
झांसी कि रानी (1857)से भी पहले अंग्रजों के सिविर में घुस कर (1855 ) करीब 21अंग्रेजो का सर कलम कर शहीद होने वाली इन दोनों बहनों का संथाल हूल कि सांगठनिक मजबूती में ऐतिहासिक महत्व को नकारा नहीं जा सकता।
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी,तो हमें खूब पढाया गया,,लेकिन इन बहनों कि साहस , वीरता और कुर्बानी को नजर अंदाज कर दिया गया.30 जुन/1855 के इस हूल-विद्रोह में ,करीब 25 हजार आदिवासियों ने अपने प्राणों कि आहुति दे दी
इसलिए विचारणीय है कि भारत का प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन1857 को माना जाना चाहिए या 1855 को क्योंकि इतिहास का अधूरा ज्ञान या इतिहास कि उपेक्षा अंततः विघटनकारी होती है।
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