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जामाडोबा (धनबाद) : उम्र..60 साल। इरादा..साइकिल से करीब 1400 किलोमीटर का सफर करने का। वजह..देश में अमन का माहौल कायम हो। सफर का नाम..धनबाद टू अजमेर शरीफ। उम्र के इस पड़ाव में ये हौसला दिखाया है झरिया अंचल के बरारी निवासी मो मजीद ने। ठंड के इस मौसम में मो. मजीद को नेक सफर से सकुशल लौटकर आने की कामनाओं के साथ गुरुवार को विदा किया गया। 60 वर्षीय मो. अब्दुल मजीद अजमेर शरीफ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह तक की दूरी साइकिल से तय करेंगे। सफर शुरू करते वक्त उन्होंने बताया कि एक ख्वाब देखा था, उसे पूरा करने के लिए ही साइकिल से वहां तक जा रहे हैं। सफर मुश्किल जरूर है लेकिन उनका इरादा काफी मजबूत है। हर दिन लगभग 40 किलोमीटर चलकर एक माह में वहां पहुंचने की कोशिश करेंगे। सफर के दौरान करीब एक सौ से अधिक जगहों पर रुकने का मन है। आगे क्या होगा, इसकी परवाह छोड़कर वे सफर को निकल गए हैं। कहते हैं कि जब बाबा के मजार का दीदार होगा तो उनसे बस यही दरख्वास्त करूंगा कि मेरे देश में अमन व सकून कायम रहे और झरिया पर उजड़ने का मंडरा रहा खतरा भी खत्म हो जाए। अजमेर शरीफ रवाना होने से पूर्व मो. मजीद को परिजनों व बरारी के अवाम ने उन्हें फूल माला पहनाकर रवाना किया। उन्हें रवाना करने वालों में हाजी अजीम अबुल, सदर जुल्फिकार अली, मास्टर शमीम, सरफराज, जाहिद राजा अंसारी के अलावा मो. मजीद की पत्नी सैरुन निशा, पुत्री गुड़िया, अफसाना खातून, हलचल रजा आदि थे।
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साइकिल से करते हैं कपड़े की फेरी : मो. मजिद 30 वर्षों से साइकिल में कपड़ों की फेरी करते आ रहे हैं। मो. मजिद की पत्नी सैरुन निशा ने बताया कि अजमेर शरीफ जाने पर हमलोगों ने भी उन्हें नहीं रोका। बाहर में काम करनेवाले एक पुत्र ने भी सहमति जताते हुए आर्थिक सहयोग की। पति के पास लगभग 20 हजार रुपए उनके बैंक के खाते में हैं। वे अपने साथ बैंक का एटीएम कार्ड भी ले गए हैं।
धनबाद से सरताज की रिपोर्ट।
छाया कार संतोष कुमार यादव।
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