17 विभाग के सरकारी कार्यालय में बाइक चोरो के खौफ से कॉरिडोर में ही पार्किंग

धनबाद।कंबाइंड बिल्डिंग के इस सरकारी दफ्तर से आये दिन बाइक चोरी की घटनाएं होती ही रहती हैं। इसलिए सभी कर्मचारी अपने वाहन को अंदर खड़ी करते हैं।कंबाइंड बिल्डिंग में काम करने वाले सभी सरकारी मुलाजिम हैं। दफ्तर के अंदर बाइक घुसाते देखा तो सवाल करने पर बोले रोज बाइक की चोरी हो रही है। इसलिए अंदर ही रखते हैं, ताकि फाइल और बाइक दोनों पर नजर रहे। सप्ताह भर पहले की बात हैं।यूआइडी के परियोजना पदाधिकारी अमित दुबे अपनी बाइक बाहर छोड़ कर मीटिंग में चले गए। मीटिंग से निकले तो बाइक गायब मिली। काफी खोजने के बाद भी कुछ अता पता नहीं चला। अंत में पुलिस से शिकायत कर शांत हो गए।
बाइक की चिंता अकेले दुबे जी को नहीं है। कंबाइंड बिल्डिंग के अंदर जाकर देखा तो सौ से अधिक बाइक दफ्तर के कॉरिडोर में खड़ी मिली। सब के सब वाहन काम करने वाले बाबुओं की थी। ऑफिस के अंदर इतनी संख्या में बाइक होने से काम के लिए दफ्तर के चक्कर लगाने वालों को परेशानी होती है। इसकी शिकायत भी की गई। लेकिन सरकारी बाबुओं में बाइक चोरों का आतंक इस कदर है कि कोई ऑफिस के बाहर बाइक खड़ी करने का खतरा उठाने को तैयार नहीं हैं।
एक मुलाजिम ने कहा कि बाहर बाइक छोड़ देंगे तो ध्यान उधर ही रहेगा। फिर काम कैसे करेंगे। यह स्थिति असुरक्षा के माहौल और चोरों के बढ़ते आतंक को दर्शाता है। कंबाइंड बिल्डिंग जिले का सबसे बड़ा सरकारी ऑफिस है। एक नहीं 17 विभाग हैं। शिक्षा, वन, बिजली,उद्योग,खनन, सीडब्ल्यूसी जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं तो डीडीसी, डीआरडीए के निदेशक जैसे जिले के बड़े सरकारी अधिकारी भी इसी कंबाइंड बिल्डिंग में बैठते हैं। डीआरडीए का सभागार भी यहां है जहां बड़े-बड़े सरकारी आयोजन, वर्कशॉप आदे होते रहते हैं। डीसी के लिए भी इस बिल्डिंग में चैंबर हैं। जहां संबंधित विभागों का वे फाइल निपटाने आते रहते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण सरकारी भवन की सुरक्षा का यह हाल है ।तो अंदाजा लगा सकते हैं कि सड़क किनारे खड़ी बाइक कितनी सुरक्षित होगी।प्रशासन को इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।वरना कार्यालय को पार्किंग स्थल बनने में देर नहीं लगेगी।आम जनता जहाँ परेशानी झेलती हैं।वहीं सरकारी कर्मचारियों में चोरों का खौफ हैं।

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