चाहे कितनी कोशिश कर लें लालू जी को जेल से बाहर नहीं आने देंगे, चाचा अपने आप को सर्वोच्च न्यायालय से भी सर्वोच्च समझ बैठे:- तेजस्वी क्लिक करें और जाने।

NTL NEWS. CON:7909029958. SANTOSH YADAV

NTL/पटना:- आज 15 मई 2019 को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम एक पत्र लिखकर कई सबाल खड़ा किया आपको मालूम हो चुनाव का आखरी दौर चल रहा है। सभी नेताओं पूरे जोर सोर से चुनावी रैली में व्यस्त हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पाटलिपुत्रा लोकसभा के पालीगंज में चुनावी सभा होनी है ऐसे में तेजस्वी यादव कहाँ चुकने वाले हैं उन्होंने एक के बाद एक सबाल पूछ रहे हैं। और नेता प्रतिपक्ष सबाल पूछे भी क्यों नहीं क्योंकि आज की परिस्थिति वर्तमान हुकूमत ऐसी मोड़ पर लाकर खड़ा किया कि जहाँ विकास पर बात ना करके हिन्दू – मुस्लिम, अगड़े-पिछड़े की बात करते हों सभा के दौरान रोना अपने आप को पिछड़ा बताना। तो क्या ऐसे में विपक्ष का सबाल करना जायज नहीं है? नेता प्रतिपक्ष ने पत्र लिखते हुए कहा कि, लोकतांत्रिक मूल्यों एवं जनादेश का अनादर कर जनता की नज़रों में आप आदर-सम्मान खो चुके हैं। जनता द्वारा जगह-जगह निरंतर आपका विरोध यह दर्शाता है कि आप जनता के लिए कितने अप्रिय हो गए हैं लेकिन मेरे लिए आप अब भी अतिप्रिय है। जनआक्रोश की पराकाष्ठा तो यह है कि बक्सर के नंदन गाँव में महादलितो ने आप पर हमला तक कर दिया। जिसकी हमने कड़ी निंदा भी की और घटनास्थल का दौरा भी किया।

हाँ, तो चाचा जी आप कह रहे थे कि मेरे पिता चाहे कितनी भी कोशिश कर लें जेल से बाहर नहीं आ सकते। आप उन्हें जेल से बाहर नहीं आने देंगे। आपके स्वयं को सर्वोच्च न्यायालय से भी सर्वोच्च समझ कर फैसला सुनाने के पीछे कौन सी नई साजिश है ये तो मुझे नहीं पता लेकिन बिहार की क्या विडंबना है ये मुझे पता है।

नीतीश चाचा, ये आपके शासन की सबसे बड़ी विडंबना है कि गरीब-गुरबों और वंचितो की आवाज उठाने वाला आज जेल में बैठा है और आप मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में मासूम बच्चियों के साथ हुए घिनौने काण्ड में संलिप्त अपने दुलारे, प्यारे और चेहते आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ केक काट रहे है, वो आपकी चुनावी रैली का संचालन कर रहा होता है। बिहार जानता है धोखे से मतदाता का वोट हड़पने वाला चोर दरवाज़े से आज बिहार की कुर्सी पर बैठा है और मतदाता को झूठे सपने दिखाकर उसका जीवन तबाह करने वाला आज देश की कुर्सी पर बैठा है।

और हाँ, जिस बल्ब और सड़क की बात आप कर रहे है ना ये 2004 से 2014 UPA-1 और UPA-2 जिसमें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू जी रेलमंत्री, श्री रघुवंश बाबू ग्रामीण विकास मंत्री और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने दलीय राजनीति से ऊपर उठकर बिहार के विकास कार्यों के लिए असीमित फ़ंड दिलवाए तब जाकर बिहार को यह सब नसीब हुआ। और उनके इस असाधारण योगदान को आपने सदन से लेकर कई सार्वजनिक मंचो से स्वीकारा भी है। इसमें आपका कितना योगदान रहा यह आप अपने दिल पर हाथ रखकर पूछिए? आप 1998 से लेकर 2004 तक केंद्र में कैबिनेट मंत्री रहे लेकिन बताए कितनी राशि बिहार के विकास कार्यों के लिए दिलवाई। अगर आपको UPA और NDA के कार्यकाल में बिहार को दी गयी वित्तीय मदद पर कोई तुलनात्मक विमर्श और खुली बहस करनी हो तो मैं चुनौती के लिए तैयार हूँ लेकिन आपसे आग्रह है जनता को झूठ बोल भ्रमित मत करिए।

आप सहित बिहार से लगभग डेढ़ दर्जन केंद्रीय मंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के मंत्रिमंडल में थे लेकिन उनमें से कुछ प्रभावशाली मंत्री विकास कार्यों में रुचि को लेकर नकारात्मक प्रवृति के थे क्योंकि बिहार में राजद की सरकार थी। मैं तो बीजेपी समेत विभिन्न दलों के जितने भी वरिष्ठ नेताओं से मिला हूँ अधिकांश ने यही कहा है कि आप उस दौर में बिहार के विकास और केंद्र द्वारा सहायता को लेकर संकीर्ण और नकारात्मक सोच के साथ बँधे रहे।

बहरहाल, आप ये भी कह रहे थे कि जेल से चिठठी लिखने वाले अगर जेल से बाहर आए तो लालटेन वाले दिन लौट आएंगे। आप बहुत घर-घर बल्ब जलाने का दावा करते हैं ना? चाचा जी आज हम बताते हैं आपके इस दावे की क्या हकीकत है?

जब मुजफ्फरपुर बलात्कार काण्ड के बाद नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के न्यायप्रिय आम नागरिकों ने ‘कैन्डल मार्च’ में पहली मोमबत्ती जलाई थी ना उस एक मोमबत्ती की रोशनी ने आपके सारे बल्ब लगाने के दावों को शर्मसार कर दिया था। बिहार की सारी रोशनी शर्मिंदा थी उस एक मोमबत्ती की लौ के आगे। आपके द्वारा बिहार को रौशन करने की पोल उस एक अकेली मोमबत्ती ने खोल दी, और बता दिया था दुनिया को कि आपके राज में कितना घिनौना स्याह अंधेरा फैला है बिहार में।

जिस तरह सरकार को जगाने के लिए मोमबत्ती की जरूरत आज भी है, जिस तरह त्यौहार पर खुशियों को मनाने के लिए दीए की जरूरत आज भी है उसी तरह बिहार से अन्याय और राक्षसी अत्याचारों के घने काले अन्धेरों को भगाने के लिए लालटेन की जरूरत आज भी है और हमेशा रहेगी।

आप जब यह कहते है कि राजद शासनकाल में बिजली के पोल और तारों पर लोग कपड़े सुखाते थे तो आप यह मान रहे है ना कि उस वक़्त करंट नहीं था लेकिन बिहार में घर-घर और गाँव-गाँव बिजली पहुँचाने के इंफ़्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो चुका था। ज़रा अब बता दिजीए, उस वक़्त 2004 में आपकी एनडीए सरकार में देश में कुल बिजली उत्पादन क्षमता कितनी मेगावाट थी और यूपीए सरकार में 2014 में कितनी? ख़ुद जवाब मिल जाएगा साहब।

समाज में और देश में नफरत और अन्याय के ज़हर बूझे तीर चलाकर आप अपने चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर रहें है। आपके फैलाए नफरत, अंहकार, द्वेष, अपराध, अन्याय, अत्याचार, गैर बराबरी के अंधेरों को मिटा कर, प्यार और भाईचारे की रौशनी फैलाकर हम अपने चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर रहें हैं।

लेकिन आप इसे क्या समझेंगे?

जो चलाए नफरत और हिंसा के ‘तीर’
वो क्या समझेगा बिहार की ‘पीड़’

नीतीश चाचा सुना है सोमवार को नालंदा में फिर से जनता ने आपके खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ और ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाए हैं। हमारे पिता को जेल से बाहर नहीं निकलने देना का फरमान तो आप सुना रहे हैं पर एक फरमान जनता भी सुना रही है …. अपनी रैली में कान लगा कर जनता की आवाज़ सुनियेगा जो कह रही है …..

 

आखिरी चरण का मतदान
फिर NDA होगा अर्न्तध्यान
लौटेगा सुख चैन
अब जलेगी लालटेन

याद रखियेगा सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। देर-सवेर बिहार की जनता को न्याय मिलेगा और उनके हक़ की आवाज़ उठाने वाला भी जल्द ही उनके बीच होगा और फिर हमारे पिता ही जनता की तरफ से बिहार पर हुए एक-एक अन्याय का हिसाब जनादेश के महाचोरों से लेंगे और झूठ, धोखे और अवसरवाद को उसकी सही जगह यानी अदालत के कठघरे और फिर जेल के सींखचों में पहुचाएंगे क्यूँकि जेल जाने के असली हक़दार आप हैं वो नहीं।

लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी होती है। उनका हर फ़ैसला हमें मंज़ूर है। हम लड़ेंगे, जीतेंगे और आगे बढ़ेंगे … लालटेन जलेगी, अँधेरे डरेंगे।

ऐसी अभिव्यक्ति मेरे स्वभाव में नहीं है लेकिन आपके झूठ का जवाब देना ज़रूरी था।

अंत में आपके के लिए…

“वो समझाए जा रहे थे और हम समझे जा रहे थे
वो खुद न समझे , हमें समझाने के बाद भी !”

 

संवाददाता:- जितेन्द्र कुमार यादव
National Today Live

1,158 total views, 2 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *