चौथे स्तंभ पर प्रहार शिकायत के बाद भी नहीं टूटी जिला प्रशासन की नींद क्लिक करें और जाने।
NTL NEWS. CON:7909029958. SANTOSH YADAV
बोकारो। बोकारो जिला अंतर्गत थाना कसमार पंचायत मधुकरपुर में लोकतंत्र के महापर्व के दिन देश के चौथे स्तंभ पर प्रहार कर सिर्फ गली, मोहल्ला, गांव या नगर नहीं देश की गरिमा पर आघात का प्रयास हुआ। ज्ञात हो कि 12 मई 2019 को लोकतंत्र का महापर्व था और उसी दिन श्वेत पत्र के मीडिया प्रतिनिधि विजय प्रसाद तिवारी चुनावी खबर के संकलन हेतु गोमिया विधानसभा का दौरा कर रहे थे, इसी क्रम में मधुकरपुर ऊपर टोला में दो मोटरसाइकिल सवार आमने सामने भीड़ गए और दोनों सड़क पर गिर पड़े ।एक मोटरसाइकिल चालक स्वत: उठकर वहां से चला गया और दूसरा मोटरसाइकिल सवार सड़क पर ही अपने मोटरसाइकिल से दबने के कारण उठ नहीं पा रहा था, तो उसे श्वेतपत्र के मीडिया प्रतिनिधि ने मदद की मंशा से मानवता के नाते उठाने गए और इसी क्रम में उस । सवार के साथ दो महिलाएं बिलखी देवी व फुल कुमारी देवी और चालक संदीप तीनों मिलकर श्वेत पत्र के मीडिया प्रतिनिधि विजय प्रसाद तिवारी पर हत्या और लूट की मंशा से हमला कर दिया। गांव वालों ने बड़ी मुश्किल से मीडिया प्रतिनिधि की जान बचाई इस घटना की जानकारी तुरंत कसमार थाना, बोकारो उपायुक्त व जिला पुलिस अधीक्षक को दे दी गई । साथ ही ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा दी गई । यह खबर 13 मई को श्वेतपत्र के 160 वें अंक में छपा भी किंतु जिला प्रशासन की नींद नहीं टूटी । लोगों द्वारा यह बात कहां भी गया कि बिहार की घटना को याद करें । हत्या के बाद प्रशासन जागती है और अपराधियों को सजा देने का प्रयास करती है । बात सच भी है , शायद मीडिया प्रतिनिधि विजय प्रसाद तिवारी की हत्या हो जाने के बाद ही जिला प्रशासन अपराधियों को दंडित करने की व्यवस्था पर काम कर रही है, इस घटना को घटित हुए 3 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया । जब आचार संहिता के समय मीडिया कर्मियों के सुरक्षा के प्रति कोई चेतना नहीं है , तो आचार संहिता के बाद और क्या आशा किया जा सकता है। इस विषय पर जब मीडिया प्रतिनिधि ने कसमार थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने सपाट शब्दों में कहा कि अभी तक एसपी ऑफिस से शिकायत पत्र मेरे पास नहीं आया है । इस घटना में विशेष बात यह है कि हमलावर संदीप की असली पहचान से क्षेत्र के लोग अपरिचित हैं। लोगों का कहना है कि संदीप अपनी पहचान छुपाकर क्षेत्र में रह रहा है । कहां से आया है यह कोई नहीं जानता सिवाय उन महिलाओं के जो हमला के वक्त उनके साथ थी बिलखी देवी और फुल कुमारी देवी वहीं संदीप नामक हमलावर के क्रियाकलाप से लोगों ने बताया कि हमलावर संदीप इस्लाम धर्म से है। लोगों को ऐसा भी शंका है कि कहीं यह रोहिंग्या मुसलमान तो नहीं , अगर ऐसा है , तो क्षेत्र के लोगों के लिए ही नहीं प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है जिसकी तत्परता से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए किंतु शायद जिला प्रशासन किसी बड़ी घटना के घटित होने के बाद एक्शन में आने का इंतजार कर रही है। जब ऑनलाइन शिकायत पर यह रवैया है , जबकि वह शिकायत पत्र उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है , तो थाना प्रभारी या थाना से जनता क्या उम्मीद और अपेक्षा रखें।
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