जनसेवा के उद्देश्य से ही राजनीति से जुड़ा हूँ,जनसेवा करना ही मेरा लक्ष्य।
◆ युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)।
तोपचाँची।ढाँगी पंचायत अंतर्गत क्षेत्र के निवासी माना पाठक जेएमएम के जिला सह सचिव हैं।इसके साथ ही झारखंड जनहित मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं।माना पाठक उस क्षेत्र से हैं।जहाँ कल तक लोग रोजी-रोटी के लिए मोहताज थे।गरीबी से जुड़े हुए लोगों की जीविका का एक मात्र साधन खेती बाड़ी ही रहा हैं।घरेलू उपयोग के लिए लकड़ी तक का जुगाड़ नहीं हुआ करता था।उन्ही में से एक माना पाठक भी रहे हैं।इनके भी परिवार में खेती बाड़ी ही एक मात्र जरिया हुआ करती थी।पर अभी की स्तिथि पहले से बहुत सुधरी हैं।इनके मन मे कुछ करने का जुनून हमेशा से रहा हैं।जब ये राजनीति से नहीं जुड़े हुए थे।तब से लोगों के लिए लड़ते आ रहे हैं।एक बार समाज की लड़ाई में जेल भी जा चुके हैं।माता पिता के सहयोग से बीकॉम तक की पढ़ाई हो गयी।अब समय था सोचने का करे तो क्या करे?इनके परिवार में एक छोटे स्तर पर टूर ट्रेवल का काम चलता था।तो उन्होंने इसी काम से शुरुआत की।फिर धीरे-धीरेे काम करते चले गए।जनसेवा के लिए ही इनका जुड़ाव राजनीति से हुआ।समाज मे अपने ही लोगों को पिछड़ा और शौषण होते देख इनसे रहा नहीं गया।इन्होंने बिना किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े बिना ही इसकी आवाज़ उठाई।इन्होंने सोचा जनता के लिए कुछ करना है।इसी सोच के साथ हमेशा समाज के लोगों के लिए सक्रिय रहे हैं।इंदिरा आवास के मुद्दे पर हुई गड़बड़ी पर भी इन्होंने आवाज उठाई।जिसमे शामिल सभी दोषी पाए गए अधिकारियों को निलंबित किया गया।फिर जो नए अधिकारी आये।उन्होने अपने खर्च पर लोगों को राशि उपलब्ध करवाई।इस तरह से अकेले ही कई सामाजिक कार्यों करते रहें।लोगों का सहयोग भी मिलता रहा।
इन्होंने सोचा कि कब तक यूँ ही अकेले चलता रहेगा।तो फिर जेवीएम पार्टी को जॉइन कर लिए।उस समय पार्टी में टुंडी के विधायक प्रतिनिधि के तौर पर डॉ सबा अहमद हुआ करते थे।फिर जब ऐसा लगा कि इस पार्टी से भी कुछ काम करने में दिक्कत आ रही हैं।तो फिर जेएमएम में एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप जुड़ गए।फिर जिला सह सचिव भी बनाये गए।पर कभी कोई भी पार्टी में रहे हो।पार्टी से ज़्यादा इनकी लड़ाई खुद की रही हैं।एक हरिजन लड़के के अपहरण मामले में न्याय के लिए अनशन भी किये।जिसके लिए उन्हें 1 माह तक कारावास में भी रहना पड़ा।पर,इस बात का दुःख नही हुआ।पार्टी से ज़्यादा लोगो का साथ रहा हैं।लोगों के कहने व सहयोग से ही इन्होंने एक सामाजिक संगठन झारखण्ड जनहित मोर्चा की स्थापना की हैं।जिसके ये अध्यक्ष भी हैं।अब कही कोई भी सामाजिक स्तर पर कुछ करना होता हैं।झारखण्ड जनहित मोर्चा के बैनर तले ये करते हैं।
टुंडी विधानसभा की मौजूदा हालात को लेकर भी इन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।इन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं हैं।मथुरा महतो ने अपने कार्यकाल में जितना काम टुंडी विधानसभा के लिए किया हैं।शायद ही किसी अन्य ने किया हो या कर पायेगा।क्योंकि,जो जमीन से जुड़े हुए होते हैं।वही अपनी जमीन के लिए करते हैं।मौजूदा सरकार की नीतियाँ कोई कारगर नहीं हैं।सिर्फ नियम कानून का रौब गरीबों पर दिखाया जाता रहा हैं।पूँजी वाले लोग आराम से फल-फुल रहे हैं।गरीब की स्तिथि और भी खराब,जबकि अमीरों की हालत और भी मजबूत होती जा रही हैं।गिरिडीह सांसद की सक्रियता भी क्षेत्र में सिर्फ नाम मात्र की हैं।सिर्फ सांसद कार्यक्रम में आना जाना करते हैं।जनता के लिए तो इनके पास समय ही नहीं हैं।इस तरह के कई चीजें हैं।जो चुनाव में वादे तो किये गए।पर उन वादों का क्या हुआ?यह जनता अच्छी तरह से जानती हैं।
आने वाले चुनावों को लेकर माना पाठक की तैयारी बहुत ही जबरदस्त हैं।अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को बूथ स्तर पर चिन्हित किया जा रहा हैं।लोगों में माना पाठक की सक्रियता बहुत ही बेहतर हैं।लोग भी झारखण्ड जनहित मोर्चा के सदस्य बन रहे हैं और माना पाठक का साथ भी दे रहे हैं।जनता का अगर यूँ ही टुंडी विधानसभा में साथ मिलता रहा।तो आने वाले समय मे माना पाठक भी एक अच्छे नेता साबित हो सकते हैं।माना पाठक पार्टी के लिए भी अपने क्षेत्र में जोर-शोर से कार्यरत हैं।
माना पाठक अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता विश्वनाथ पाठक व बड़े भाई आशुतोष कु. पाठक को देते हैं।उनका कहना हैं कि बिना परिवार के सहयोग से मेरा आगे बढ़ना थोड़ा मुश्किल था।राजनीति के लिए आगे समाजसेवक के रूप में कार्य करते रहेंगे।अब जनता मालिक हैं।वे जहाँ तक साथ दे।अभी की राजनीति शुद्ध रूप ।से पैसे के लिए हो गयी हैं।पर ऐसा नहीं होना चाहिए।जनहित मोर्चा के बैनर तले गरीब व शौषित लोगों के हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
● छायाकार संतोष कुमार यादव के साथ धनबाद से सरताज खान की रिपोर्ट।
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