बड़े जानवर की कुर्बानी देने के खिलाफ लगाया जाएगा गैंगस्टर एक्ट-योगी सरकार।

उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है। यूपी के संभल प्रशासन ने कडे़ आदेश में आगाह किया कि बकरीद के मौके पर गाय, भैंस, उुंट या बैल की कुर्बानी देने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। उप मंडल अधिकारी राशिद खान ने कहा कि संभल तहसील के तहत सभी थानों को एलर्ट कर कहा गया है कि बकरीद के मौके पर अगर कोई गाय, भैंस, ऊंट या बैल की कुर्बानी देता है तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाए।

 

उन्होंने कहा कि इस तरह की कुर्बानी देने वालों की चल अचल संपति भी जब्त कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारियों से कहा गया है कि उक्त जानवरों की कुर्बानी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्वाई की जाए।

 

खान ने कहा कि थाना प्रभारियों से अपने अपने इलाकों का व्यापक दौरा कर यह देखने को कहा गया है कि दो सितंबर से चार सितंबर तक ऐसी कोई घटना ना होने पाये, जिसमें गाय, भैंस, उंट या बैल की कुर्बानी दी जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने जून में ही चेतावनी दी थी कि गोवध और दुधारू पशुओं के अवैध परिवहन में लिप्त लोगों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा।

 

एनएसए के तहत सरकार किसी व्यक्ति को जब तक चाहे, हिरासत में रख सकती है और हिरासत की वजह का खुलासा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। गैंगस्टर एक्ट के तहत अगर किसी के खिलाफ कार्वाई होती है तो पुलिस को पूछताछ के लिए उस व्यक्ति को थाने पर उपस्थित होने का समन देने का अधिकार होता है। यह कानून पुलिस को आरोपी की 60 दिन की रिमांड का अधिकार भी देता है जबकि सामान्य हालात में 14 दिन की ही रिमांड होती है।

 


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बकरीद के अवसर पर जानवरों के वध की छूट देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
इस याचिका पर जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया था कि, कौशाम्बी के जिलाधिकारी ने बकरीद पर स्लॉटरहाउस में वध करने की अनुमति नहीं दी थी।

 

कोर्ट ने टिप्पणी की कि देश संविधान व कानून से चलेगा किसी की आस्था से नहीं। आस्था के नाम पर पशुवध की मांग नहीं की जा सकती।
मालूम हो कि पशुवध का दुकानदारों को सरकार ने लाइसेंस दिया है और अवैध पशुवध पर रोक लगा दी गई है। कानून के तहत छोटे जानवर 20 की संख्या में और बकरे आदि बड़े जानवर 10 की संख्या में काटे जा सकते हैं। बड़े जानवरों को सरकारी स्लॉटरहाउस में ही काटे जाने की छूट है।

 

याचिका में मांग की गई थी कि सिर्फ 3 दिन के लिए बड़े पशुओं की कटाई की अनुमति दी जाए। प्रदेश सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि बंद किए गए स्लॉटरहाउस बकरीद में नहीं खोले जाएंगे। याचिका कौशांबी के मदरसा जामिया इमाम उल उलूम के मोहम्मद इमरान ने दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि खुले में पशुओं की कटाई से लोगों में बकरीद को लेकर गलत संदेश जाने की आशंका है।
मदरसा बकरीद के मौके पर गरीब जनता को जानवरों का मीट वितरित करता है, जिससे लोग त्योहार मना सकें। क्योंकि हर व्यक्ति के लिए बकरा या दूसरा जानवर खरीदकर कुर्बानी देना नामुमकिन है।

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