भारत की सबसे बड़ी और झारखंड की पहली इंग्लिश ट्रैनिंग सेन्टर हैं वीटा-अभिषेक।

● युधिष्ठिर महतो (कुमार युडी)।

धनबाद।भारत की सबसे बड़ी और झारखण्ड की पहली इंग्लिश ट्रैनिंग एकैडमी का संचालन धनबाद में अभिषेक कुमार सिंह के नेतृत्व में सफलता पूर्वक किया जा रहा हैं।इसके अतिरिक्त दी सक्सेस मंत्रा का भी संचालन बहुत ही सफलता के साथ इन्ही के द्वारा किया जा रहा हैं।इंटर तक कि पढ़ाई राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर से करने के बाद पीके रॉय कॉलेज से ग्रेजुएशन की।फिर एमबीए करने के लिए हैदराबाद चले गए।मार्केटिंग एंड फाइनेंस में एमबीए के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब किये।लगभग 2 सालों तक आईटी सेक्टर से जुड़े क्षेत्र में जॉब करने के बाद यह अनुभव हुआ कि कुछ धनबाद में ही किया जायें जिसका फायदा वहाँ के स्टूडेंट्स को मिलें।

पिता स्व. चंद्रिका प्रसाद सिंह बीसीसीएल में कार्यरत थे।माता ललिता देवी बीटीए में कार्यरत थी।मन में एक प्रण लेकर जॉब छोड़कर धनबाद लौट गये।वीटा जो 1981 से राष्ट्रीय स्तर पर 40 लाख लोगों से भी ज़्यादा को इंग्लिश की ट्रैनिग दे चुका हैं।इसकी फ्रैंचाईजी लेकर धनबाद में 2011 में एक शुरुआत किये।अब तक वीटा के माध्यम से 10 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को धनबाद में ट्रैनिंग दी जा चुकी हैं।उस समय जब वीटा की शुरुआत धनबाद में हुई तो मात्र 11 स्टूडेंट्स ही थे।लेकिन,आज 400 से भी ज़्यादा स्टूडेंट्स हैं।उन्होंने बताया कि जब शुरू-शुरू मैंने इस ट्रैनिंग इंस्टिट्यूट का शुभारंभ किया था।तो,लोगों में इंग्लिश को लेकर ज़्यादा समझ नहीं थी।न ही सही जानकारी थी।

जबकि,इंग्लिश एक महत्वपूर्ण जरूरत बन गयी हैं।दैनिक जीवन में इंग्लिश पर भी निर्भर रहना पड़ता हैं।वीटा की एक और खास बात हैं।जो इसे अन्य के मुकाबले अलग बनाता हैं।सबसे पहली बात तो यह हैं कि वीटा में आये सभी स्टूडेंट्स को टेस्ट लेकर लेवल जानने के बाद ही पढ़ाया जाता हैं।साथ ही एक लाइफ टाइम कार्ड भी दिया जाता हैं।जिसकी मदद से वीटा के किसी भी सेन्टर में जाकर पढ सकते हैं।खास कर बीआईटी और आईएसएम के स्टूडेंट्स को इंटरव्यू के लिए पीपीटी अर्थात प्री प्लेसमेंट ट्रैनिंग, जिडीपीआई,पर्सनालिटी डेवलपमेंट की क्लास दी जाती हैं।पिछले वर्ष 320 आईएसएम स्टूडेंट्स को ट्रैनिंग दी गयी।इंग्लिश ट्रैनिंग के लिए हर क्षेत्र से लोग आते हैं और इसमें कोई आयु सीमा नहीं हैं।लेवल जाँच के बाद ही ट्रेनिंग देते हैं।कुल 13 अलग-अलग लेवल हैं।इसी के अनुसार ट्रैनिंग देते हैं।


वीटा के बाद 2012 में कंपीटिटिव एग्जाम की तैयारी के लिए दी सक्सेस मंत्रा की शुरुआत की गई।यहाँ एसएससी,रेलवे,एलआईसी,आईबी व अन्य की तैयारी करवाई जाती हैं।फैकल्टी के लिए रांची और पटना की टीम आती हैं।गुणवत्ता के लिए यह इंस्टिट्यूट आईएसओ सर्टिफाइड हैं।इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन तैयारी करवाने वाली ऑनलाइन पोर्टल बैंकर्सअड्डा के साथ भी सम्मिलित हैं।जिसका प्रतिदिन का यूजर करीब 2 लाख हैं।यहाँ के छात्रों ने कई प्रतियोगिता परीक्षा के प्री मेन्स को क्वालीफाई कर जॉब भी कर रहें हैं।उनमें से अमरनाथ,ब्रजेश कुमार,सुमित,मोनालिसा चक्रवर्ती,विकास कुमार,लक्खीराम सोरेन, भारती, अर्चना व अन्य हैं।यहाँ तैयारी ग्रुप और इंडिविजुअल दोनों तरीके से करवाई जाती हैं।

अभिषेक अपने संघर्ष को लेकर बस इतना ही कहते हैं कि मैंने शुरु से प्लानिंग की थी।इस वजह से ज़्यादा दिक्कत तो नहीं हुई।पर मेहनत तो हर किसी को करना पड़ता हैं।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्टूडेंट्स की बदलती जरूरतों के अनुसार मैं सिलेबस बदलते रहता हूँ और फैकल्टी के लिए सेमिनार करता ही हूँ।


धनबाद में शिक्षा व्यवस्था और यु वाओं को लेकर उन्होंने कहा कि धनबाद में युवा प्रतिभा की कोई कमी नहीं हैं।युवक़ों में जोश और रुझान भी गजब का हैं।पर सही मार्गदर्शन की बहुत कमी हैं।अन्य इंस्टिट्यूट के मुकाबले फी औसत हैं।साथ ही हर साल सीएसआर के तहत 50 फीसदी राशि पर शिक्षा दी जाती हैं।स्टूडेंट्स को काउंसलिंग की बहुत जरूरत हैं।क्योंकि,हर कोई सभी क्षेत्र में बेहतर नहीं हो सकता हैं।वीटा और सक्सेस मंत्रा में निःशुल्क काउंसलिंग दी जाती हैं।स्टूडेंट्स को इनका संदेश हैं कि कोई भी कोचिंग संस्थान जाँच पड़ताल के बाद ही जॉइन करें।आज कल डेमो क्लास निःशुल्क दिया जाता हैं।उसका लाभ ले,फिर तय करें।


अभिषेक अपना आदर्श विवेकानंद को मानते हैं।भविष्य में चाहते हैं कि उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलूँ और सही शिक्षा स्टूडेंट्स को देता रहूँ।इन्होंने 2010 में ही विवाह कर लिया था।आज  इनका एक खुशहाल परिवार हैं।दो बच्चें भी हैं और माँ भी साथ हैं।

रिपोर्टर सरताज खान

●छायाकार संतोष कुमार यादव

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