बिहार में भूख से हुई बच्चे की मौत क्लिक करें और जानें।
कोरानसराय में भूख से दो बच्चों के मौत के मामले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दर्ज हो मुकदमा : अनिल कुमार
अनिल कुमार ने पूछा – क्या भाजपा द्वारा निकाले जाने के बाद जगेगी नीतीश कुमार की अंतरात्मा
महंगाई के मुद्दे पर 10 सितंबर को कांग्रेस के भारत बंद को समर्थन देगी जनतांत्रिक विकास पार्टी
NTL पटना। जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने आज डुमरांव अनुमंडल स्थित कोरानसराय थाना के मुसहरी टोला महादलित बस्ती भूख से हुए दो बच्चों की मौत मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केस दर्ज कराने और उनके इस्तीफे की मांग की। पटना में स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार चल रही है, फिर भी लोग भूख से मरने को मजबूर हैं। ये कैसी सरकार है और ये कैसा शासन है। उन्होंने पूछा कि नीतीश कुमार के शासन के लगभग 14 साल पूरे हो गए हैं, ऐसे में उन्होंने बिहार को क्या बना दिया है। बात विकास की करते हैं और लोग भूख से मर रहे हैं। पिछले दिनों ही करहगर में एक दलित महिला ने अपने बच्चों के साथ भूख की वजह से ही आत्महत्या कर ली थी।
कुमार ने नीतीश कुमार से पूछा कि आखिर उनकी अंतरात्मा कब जगेगी, जब भाजपा अपने गठबंधन से उन्हें बाहर कर देगी तब ? उन्होंने कोरानसराय में भूख से मौत के मामले में प्रशासन के उदासीन रवैये पर भी सवाल खड़े किये और कहा कि दोनों बच्चों के मौत के लिए कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन जिम्मेवार है, क्योंकि महीने भर पहले उस परिवार के मुखिया को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था। उसके बाद उस घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा और उस परिवार के सामने भूखे रहने की नौबत आ गई। एक बच्चे की मौत के बाद भी प्रशासन लापरवाह बनी रही, जब अगले दिन भूख से दूसरे बच्चे की मौत हुई, तब प्रशासन की ओर से उस परिवार को अनाज दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में जब हमने कल एसडीए से मुआवजे की मांग की तो, उन्होंने मुआवजा देने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि मामला आपदा का नहीं है। इसलिए मुआवजा नहीं मिलेगा। लेकिन जनतांत्रिक विकास पार्टी का मानना है कि इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही से बच्चों की मौत हुई है। ये मौत नहीं हत्या है, इसलिए जिस तरह नीतीश कुमार दलित कल्याण की बात कर अपना पीठ थपथपाते हैं, उसी तरह इस मामले में उनपर मुकदमा दर्ज हो और पीडि़त परिवार को मुआवजा मिले। साथ ही नीतीश कुमार अपनी नैतिकता को जगाकर इस्तीफा दें।
अनिल कुमार ने बीते दिनों बक्सर के नंदन गांव में सीएम पर हुए हमले के बाद लोगों पर दर्ज मुकदमे के बारे में कहा कि जब नीतीश कुमार ने इस मामले में केस वापस लेने की घोषणा कर दी थी, तब आज लोगों को प्रशासन द्वारा परेशान क्यों किया जा रहा है। कल उस दलित बहुल गांव में जाने के बाद हमें पता चला कि 6 साल की बच्ची से लेकर 85 साल के बूढे पर प्रशासन ने केस दर्ज कर रखा है और अब उन पर बेल लेने का दवाब बनाया जा रहा है। या फिर पैसे की मांग की जा रही है। बिहार सरकार के अधिकारियों में मानवता पूरी तरह खत्म हो गई। अब वे नीतीश कुमार के लिए आगामी चुनाव के लिए पैसे वसूली में लग गये हैं। मगर हमारी पार्टी ऐसा होने नहीं देगी। कल भी हमने अपने वकील के जरिये उन लोगों को बेल दिलाने की पहल की है।
अनिल कुमार ने डीजल- पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर कांग्रेस पार्टी द्वारा 10 सितंबर को आयोजित बंद को भी समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसी महंगाई के खिलाफ अच्छे दिन लाने की बात कर सत्ता में आये थे, मगर वे अच्छे दिन किसके लिए आया। किसी को समझ नहीं आ रहा है। जिस तरह से देश में महंगाई बढ़ रही है, लगता है जल्द ही पेट्रोल की कीमत 100 रूपये हो जायेगी। वहीं, रूपए में भी जिस तरह से गिरवाट आ रही है, वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं था। एक समय था जब डॉलर रूपए के मुकाबले बराबर था। लेकिन कांग्रेस के राज में 60 पार गया और मोदी सरकार में तो रोज रूपए कमजोर हो रहा है। इसलिए पार्टी भारत बंद का समर्थन करती है।
संवाददाता सम्मेलन में अनिल कुमार के साथ प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशांत प्रियदर्शी भी मौजूद रहे।
जितेन्द्र कुमार
नेशनल टुडे लाइव पटना, बिहार
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