अपनी माँ को मानती हैं अपना आदर्श,बनना चाहती हैं एक सफल पत्रकार-निहारिका।

युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)।


धनबाद।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्य समिति निहारिका सिंह छात्राओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।इसकी खास वजह हैं, छात्राओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर इनकी सक्रियता।बचपन में खेलने का बहुत शौक था।मन में इन्होंने ठान लिया था कि बड़े होकर एक खिलाड़ी बनना हैं।जब निहारिका छठी कक्षा में थी।तभी से बास्केटबॉल खेल रही हैं।तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं।निहारिका एक लड़की होते हुए भी अपनी एक पहचान बनाई हैं।बचपन में सरकारी स्कूल में पढ़ने का दबाव रहा।पर,निहारिका ने अपनी माँ कविता सिंह के सहयोग से कार्मेल स्कूल से मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई की।निहारिका की माँ ने अपने आभूषण बेचकर निहारिका को पढ़ाया।निहारिका ने मैट्रिक में 82 फीसदी,जबकि इंटर में 88 फीसदी अंक लाई थी।इनके पिता जितेंद्र सिंह सरकारी नौकरी करते हैं।खेल में प्रतिभाशाली होने के बावजूद कुछ कारणों से खेल छूट गया।परिवार में सभी चाहते हैं कि निहारिका पढ़-लिख कर कोई सरकारी नौकरी करें।लेकिन,निहारिका की इच्छा हैं कि वह एक सफल पत्रकार बनें।


एबीवीपी से निहारिका क़ा जुड़ना एक संयोग ही हैं।इतने अच्छे अंक होने के बावजूद एसएसएलएनटी में निहारिका का नामांकन नहीं हो पा रहा था।उस वक़्त एबीवीपी के सहयोग से ही उसका नामांकन सम्भव हो सका।जब निहारिका को महसूस हुआ कि उसकी जैसी ही कई अन्य को भी बहुत समस्या होती होगी।इसी सोच के साथ छात्राओं के हित के लिए उन्होंने एबीवीपी की सदस्यता ली।उन्होंने बताया कि एबीवीपी अन्य छात्र संगठन से बिल्कुल ही भिन्न हैं।क्योंकि,यह दूसरे छात्र संगठन की तरह चुनाव में सक्रिय नहीं होती हैं।बल्कि,एबीवीपी हर वक़्त छात्र-छात्राओं के हित के लिए खड़ी रहती हैं।उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति के उद्देश्य से एबीवीपी से नहीं जुड़ी हूँ।छत्राओं के समस्याओं के लिए कुछ कर सकूँ।इसी उद्देश्य के साथ सक्रिय हूँ।


कॉलेज और विश्वविद्यालय की ओर से सुविधाओं की बात करें।सभी कॉलेजों में शिक्षक और फैकल्टी अच्छी होनी चाहिए।अभी ऑनलाइन सुविधा की वजह से भी बहुत दिक्कत हुई हैं।क्योंकि,अधिकतर जो भी छात्र-छात्राये हैं,सभी झारखण्ड बोर्ड से होते हैं।बहुतों को कंप्यूटर भी चलानी नहीं आती हैं।इस वजह से जो ऑनलाइन काम हो रहा हैं।उससे अच्छा हैं कि उसके साथ ऑफलाइन भी काम होनी चाहिए।जो अब होने भी जा रही हैं।एबीवीपी से निहारिका आठ माह से जुड़ी हुई हैं।पर,इस बीच छात्राओं से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर चुकी हैं।साथ ही कॉलेज में कई प्रकार से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवा चुकी हैं।


निहारिका अपनी माँ को अपना आदर्श मानती हैं।उन्हीं के बताए रास्ते पर चलने का प्रयास भी करती हैं।क्योंकि,परिवार में सभी से ज़्यादा माँ का बहुत सहयोग रहा हैं।दोस्तों ने भी बहुत सहयोग किया हैं।स्वेता,अंजना,टियाशा व अन्य सहेलियों ने भी कॉलेज स्तर पर बहुत ही सराहनीय सहयोग किया हैं।वह अपनी जैसी ही लड़कियों को संदेश देना चाहती हैं कि स्वतंत्र होकर अपने सपनों को पूरा करों।सभी माता पिता से भी निहारिका ने एक निवेदन किया हैं कि परिवार में जो भी लड़की हो।उनका सहयोग करों,उन्हें आगे बढ़ने में सपोर्ट करों।जब हर लड़की अपने आप में निर्भर होगी।तो फिर लड़कियों को किसी पर आश्रित होने की जरूरत नहीं होगी।समाज में लड़कियों के साथ कई असभ्य घटनाये हो रही हैं।इस चीज को लेकर भी निहारिका का कहना हैं कि हर जगह समय समय पर सेमिनार होनी चाहिए।साथ ही इस तरह की घटनाओं में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई सख्त होनी चाहिए।कहीं न कहीं प्रशासन इस तरह घटनाओं पर सुस्त होती हैं।इसी वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
छायाकार:-संतोष कुमार यादव

★रिपोर्टर:-सरताज खान

2,724 total views, 6 views today

2 comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *