आठवीं पास शादाब कमाल ने बना ली सामाजिक कार्यों को अपनी ज़िंदगी।

-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)
धनबाद,9 जून 2017(नेशनल टुडे लाइव).वासेपुर धनबाद में एक गरीब परिवार में शादाब कमाल का जन्म हुआ।2 फरवरी 1995 को जन्मे शादाब कमाल आज जागृति संस्था के बैनर तले कई सामाजिक कार्य कर रहें हैं।पर,यह इतना आसान भी नहीं हैं।पिता अलीम कमाल छोटे से व्यवसाय से ही घर परिवार चलाया करते थे।पर, शादाब के अनुसार उसने गरीबी में नहीं जिया।चूँकि, परिवार में छोटे होने की वजह से भाइयों का भरपूर प्यार मिला।

माँ रुखसाना खातून एक हाउसवाइफ रही हैं।माता पिता ने शादाब और उसके भाई बहनों के पालन पोषण में कोई कमी नहीं रखी।जहाँ तक उन्होंने सका अपना योगदान दिया।शादाब ने आठवीं तक कि पढ़ाई करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी।घर की हालत देख शादाब ने सोचा शायद मेरे काम करने से कुछ हालात बदल जाये।इसलिए,घर मे बोलने के बावजूद पढ़ाई छोड़ दी।कई छोटी मोटी नौकरियाँ करने के बाद खुद का व्यवसाय शुरू किए।कई असहाय लोगों की मदद तभी से वो किया करते थे।शुरुआत में काँग्रेस के एक छोटे से कार्यकर्ता के रूप में 2009 से ही काम करते रहें।

इसी तरह लगातार कई सालों तक जुड़े रहें।सामाजिक कार्यों के लिए भी लगातार सक्रिय रहे।चूँकि, काँग्रेस एक राजनीतिक पार्टी थी।तो इसी वजह से 2015 में सामाजिक संस्था जागृति की शुरुआत की।बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे कई मुद्दों को लेकर लोगों को जागरूक किये।इसके बाद तो कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहें।वर्तमान में भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम को लेकर सक्रिय रहते ही हैं।भविष्य में इनका लक्ष्य हैं कि समाज मे शिक्षा,रोजगार व अन्य के लिए मुफ्त ट्रेनिग कैम्प चलाया जाए।जागृति संस्था से वैभव सिन्हा, विक्रम वर्मा,अजीत महतो मुख्य रूप से जुड़े हुए हैं।अभी खुद का व्यवसाय कर रहे हैं।

                       –छायाकार संतोष कुमार यादव

                               -सरताज खान की रिपोर्ट

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