दुर्गापुजा को लेकर पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स हैं तैयार-सोहराब खान।
धनबाद।पुराना बाजार धनबाद का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र हैं।चाहे कोई भी त्यौहार हो।इस बाजार में लोगों की भीड़ खरीदारी के लिए उमड़ती ही हैं।ऐसे में माहौल जब दुर्गापुजा का हैं।तो,लोगों की भीड़ होना लाज़मी हैं।इस क्षेत्र विभिन्न जाति धर्म और अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं।इस वजह से यह अति संवेदनशील क्षेत्र भी हैं।लेकिन,कोई भी त्यौहार हो।पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स हर प्रकार से अपनी तैयारी जिला प्रशासन और अपने सदस्यों के सहयोग से चुस्त दुरुस्त रखती हैं।कहीं किसी भी प्रकार से कोई अशांति का माहौल न हो।इसके लिए पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स हर तरह से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।इस वर्ष दुर्गापुजा को लेकर भी पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सोहराब खान व महासचिव अजय नारायण के नेतृत्व में सतर्क हैं।डीएसपी लॉ एंड आर्डर नवल शर्मा के साथ शांति समिति की बैठक के माध्यम से पुराना बाज़ार चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने अपनी बातों को रखा।जिसमें प्रशासन ने सहमति भी जताई हैं।इस वर्ष जहाँ जहाँ जरूरत होगी।वहाँ अस्थायी सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाएगा।साथ मुख्य सड़कों को लेकर रूट निर्धारण भी किया गया हैं।इसके अतिरिक्त षष्टी से झरिया पुल भी सुचारू रूप से चालू हो जाएगा।जिसके लिए पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने ही बहुत प्रयास किया था।इस वर्ष महिला गार्ड,अस्थायी महिला शौचालय व टाइगर पुलिस भी सक्रिय रहेंगे।पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स अपने स्तर से 20-22 से भी अधिक पंडालों में से भव्य पंडाल को प्रोत्साहन हेतु सम्मानित करती हैं।बैंक मोड़ और धनसार थाना क्षेत्र अंतर्गत पंडालों को ही शामिल किया जाता हैं।मीडिया को संबोधित करते हुए पुराना बाजार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सोहराब खान ने यह जानकारी दी।साथ ही उन्होंने कहा कि बाजार दशमी तक चालू रहता हैं।लेकिन,विसर्जन के दिन सम्पूर्ण मार्केट बन्द रहता हैं।उन्होंने कहा कि चूँकि यह माँ का त्यौहार हैं।तो हर महिला का सम्मान करना चाहिए।इसके लिए हर पंडाल में इनकी कोशिश हैं कि वालंटियर इस बात का खास ख्याल रखें।न्यू स्टेशन कॉलोनी में हिन्दू मुस्लिम एकता के साथ दुर्गापुजा मनाया जाता हैं।यह अपने आप में एक अनूठा मिशाल हैं।इस पूजा समिति में सोहराब खान का भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं।इनका मानना हैं कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं हैं और जब हमें एक ही समाज में रहना हैं।तो फिर एक दूसरे से घुल मिलकर प्यार से ही रहना चाहिए।
★छायाकार संतोष कुमार यादव।
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