न शिक्षक से मिले न प्राचार्य व अन्य कर्मचारियों से सीधे छात्र छात्राओं से।

धनबाद।विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ विनोद रंजन ने शुक्रवार को पीके राय मेमोरियल कालेज व एसएसएलएनटी महिला कॉलेज का जायजा लिया। चर्चा है कि वे न किसी शिक्षक से मिले, न ही प्राचार्य व अन्य कर्मियों से। छात्र-छात्राओं से बातचीत की। एडमिशन काउंटर जाकर वहां की स्थिति को देखा। एसएसएलएनटी में छात्राओं को परेशान देखा। सीएलसी के लिए लड़कियां सबसे अधिक परेशान थी। शनिवार को आईआईटी आइएसएम में एक छात्रा की काउंसलिंग है। वह छात्रा सीएलसी के लिए परेशान दिखी। कॉलेज नामांकन फार्म पर संबंधित स्कूल या शिक्षण संस्थान के प्राचार्य का अटेस्टेड (अभिप्रमाणित) मांगा गया है।

बताते चलें कि विनोद रंजन एनएसएस के यूनिवर्सिटी कोर्डिनेटर भी है। वे गुरुवार से ही शहर में हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद फार्म जमा करने में परेशानी से लेकर अन्य चीजों को देखा। एसएसएलएनटी में नामांकन फार्म अटेस्टेड मांगा जा रहा है? अस्टेस्टेड क्यों? विभागों को नामांकन फार्म व सूची क्यों नहीं भेजी जा रही है। छात्रा के अंक पत्र व अन्य कागजात के साथ विभाग में ओरिजनल का मिलान होना चाहिए। वहीं वे पीके राय कॉलेज भी गए। विभागवार नामांकन चल रहा है। वहां पर छात्रों से सेल्फ अटेस्टेड मांगा गया है। काउंटर पर नामांकन चल रहा है। विनोद रंजन ने एनएसएस की गतिविधियों को भी देखा। चर्चा है कि दोनों कॉलेज के प्राचार्य को फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई है। मामले में सम्पर्क करने पर डिप्टी रजिस्ट्रार डा. विनोद रंजन ने कहा कि मेरा उद्देश्य निरीक्षण नहीं था। विवि चाहता है कि बच्चे कम से कम परेशान हों। उन्हें किसी सूचना या काम कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़े। टीचर स्वयं नामांकन फार्म में नंबर समेत अन्य चीजें देखकर काउंटर पर भेजें।

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