पैसा कमाने के लिए नहीं सोचा नाम कमाना था कुछ करने का जुनून था-रमा सिन्हा।
धनबाद।सफल बिज़नेस वुमन रमा सिन्हा वर्तमान में निर्मलानंद कंस्ट्रक्शन की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं ।रमा सिन्हा महिला होकर भी कंस्ट्रक्शन बिज़नेस में लगातार आगे बढ़ रही हैं।मध्यमवर्गीय परिवार में पली बढ़ी पर कभी भी अपने आपको दूसरों से कमजोर नहीं समझा।स्कूली शिक्षा महिला विद्या मंदिर लखीसराय से हुई।फिर आगे कॉलेज की पढ़ाई मगध यूनिवर्सिटी पटना से की।डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस एनआईआईटी से की हैं। एमए करने के बाद 2001 में ही डॉ रंजन कुमार के साथ शादी हो गयी।अब पूरी तरह से एक हाउसवाइफ बन गयी।सारा समय परिवार के लिए चला जाता था।
बचपन मे कभी डॉक्टर बनना चाहती थी।पर,शायद बड़े होते होते लक्ष्य ही बदल गया।इस वजह से डॉक्टर बनने का सपना पीछे छूट गया।डॉ रंजन हमेशा रमा सिन्हा से पूछते रहते थे।क्या करना चाहते हो?तो बस एक ही जवाब रहता था कि समय आएगा तो कुछ करूँगी।फिर जेठ सुमन कुमार सिन्हा के सुझाव और सहयोग से 2010 में रमा सिन्हा ने निर्मलानंद कंस्ट्रक्शन की शुरुआत की।जो आज कई काम सफलता पूर्वक कर चुकी हैं।जिसके वजह से कई सम्मान भी मिल चुका हैं।अभी तक कंपनी निर्मला कुंज अपार्टमेंट,मालती कुंज अपार्टमेंट,नंदलोक अपार्टमेंट का काम सफलतापूर्वक कर चुकी हैं।आने वाले समय मे कंपनी कुसुम एन्क्लेव को लेकर तैयारी में हैं।
घर से कभी भी कोई दबाव नहीं रहा।सब कुछ करने की स्वतंत्रता थी।चाहे सेल्फ डिफेंस की बात हो,ड्राइविंग की बात हर तरह खुद को तैयार किया हैं।रमा सिन्हा ने पैसा कमाने के लिए कभी नहीं सोचा।बल्कि नाम पहचान और कुछ करने का जुनून था।इसी ख्वाहिश से काम करती हैं।
संघर्ष की अगर बात करें तो हर दिन एक चैलेंज हैं।गृहिणी से एक सफल बिज़नेस वुमन के तौर पर काम करना आसान नहीं हैं।काम करने की कोई खास वजह नहीं थी।बस एक जुनून ही था।युवा लड़कियों के लिए जो इस क्षेत्र में कुछ करना चाहती हैं।उनके लिए हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हैं।अपना अनुभव शेयर कर सकती हैं।साथ ही मन मे यह कभी नहीं सोचे कि महिला किसी भी काम मे कमजोर हैं।कोई भी काम हो डिग्री से ज़्यादा जरूरी ट्रैनिंग हैं।जब आप फील्ड वर्क करके मार्किट को नही समझोगे।आप बेहतर बिजनेसमैन बन ही नहीं सकते हो।काम करो ताकि तजुर्बा ला सको।समाज से लोगों का सहयोग फिर मिलना ही हैं।
रमा सिन्हा की अगर शौक की बात करें।तो इन्हें पंजाबी साउथ इंडियन खाना बहुत पसंद हैं।किताबे भी पढ़ना इनको अच्छा लगता हैं।एक आम महिला की तरह ये भी कई चीजों की शौकीन हैं।अपना आदर्श लक्ष्मण शरण शर्मा को मानती हैं।इनकी सोच हैं कि आप गलत चीजो को फॉलो मत करो।बल्कि,पॉजिटिव थिंक को फॉलो करों।पैसा कितनो भी कमा लो पर अपना एक घर हो।इसी सपने को पूरा करती हैं निर्मलानंद कंस्ट्रक्शन।
● छायाकार संतोष कुमार यादव के साथ धनबाद से सरताज खान की रिपोर्ट।
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जुनून कुछ कर दिखाने का