महिला आयोग के सामने महिला पुलिस कर्मियों का दर्द छलक उठा, छुट्टी के बदले बिस्तर पर सोने को कहाँ जाता था, क्लिक करें और जाने पूरी खबर।

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रिपोर्ट: अम्बिका सिंह

PATNA : महिला आयोग के सामने पटना पुलिस लाइन की विद्रोही महिला पुलिस कर्मियों का दर्द छलक उठा। एक तरफ वह अपनी आप बीति सुना रे थे तो दूसरी ओर उनकी आंखों से गंगा यमुना की जलाधारा बह रही थी। इन लोगों ने डीएसपी मो मसलेहद्दीन के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए। इनके अनुसार डीएसपी सर छुट्टी देने के बदले हमें बिस्तर पर सोने को कहते थे। पुलिस लाइन में हम महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है।महिला पुलिसकर्मियों ने कहा कि उन्हें बिना किसी नोटिस के बर्खास्त कर दिया गया है। उनसे पूछा भी नहीं गया कि पूरा मामला क्या है। न तो उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया न ही कोई स्पष्टीकरण देने का वक्त दिया गया। सीधे कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।इसके लिए उन्होंने महिला आयोग से गुहार लगाई है। वहीं, आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा है कि इसकी जांच की जाएगी। लड़कियों के साथ क्या अन्याय हुआ इसकी भी छानबीन होगी। वहीं, बर्खास्त पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनसे गलती हुई है। उन्हें इस तरह तोड़फोड़ नहीं करना चाहिए था। लेकिन इसके सिवा कोई चारा भी नहीं था। क्योंकि तीन महीने से बर्दाश्त करते-करते उनके सब्र का पैमाना लबरेज हो गया था।बताते चले कि 2 नवंबर को डेंगू से ट्रेनी महिला पुलिस जवान सविता की देहांत होने के बाद पुलिस लाइन में हंगामा, तोड़फोड़, एसपी और डीएसपी की पिटाई महिला जवानों ने की थी। मामले को लेकर बिहार पुलिस ने 5 नवंबर को बड़ी कार्रवाई की थी। 167 रंगरूटों के साथ ही 175 पुलिसक्रर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। इसमें 77 महिला जवान भी शामिल थी। यह बिहार पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी।

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