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पटनाNTL :- दिनांक 3 अगस्त 2018 को लोकतांत्रिक जनता दल के कार्यालय में पूर्व सांसद श्री अर्जुन राय द्वारा एक प्रेस वार्ता किया गया प्रेस वार्ता के दौरान श्री राय ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के महीनों पहले उद्भेदन होने के बावजूद माननीय मुख्यमंत्री का वक्तव्य नहीं आना बिहार की जनता के साथ धोखा है। जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ने 15 मार्च 2018 को ही अपनी रिपोर्ट सौंपी तो 31 मई को महिला थाना मुजफ्फरपुर में FIR दर्ज होना कहीं ना कहीं साक्ष्य गायब करने की मंशा सरकार की रही। जब मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की साक्ष्य सामने आने के बावजूद सिर्फ एक FIR होना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा होता है। उनके अलग-अलग बयान पर अलग-अलग FIR होने की कानूनी प्रावधान है। दूसरी और बृजेश ठाकुर के द्वारा सुधार गृह चलने वाले गृह से 11 महिला और 4 बच्चे का गायब होना भी सरकार के कहीं ना कहीं दोषी को मदद पहुंचाने जैसी घटना प्रतीत होता है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिनेश शर्मा 9 जून को ही जिला निरीक्षण कमेटी के साथ सुधार गृह जांच कमेटी के साथ पहुंचे और सुधार गृह पर ताला लगा पाया गया। उसके बावजूद FIR नहीं हुआ जब सीबीआई जांच आरंभ हुई तो 9 जुलाई को यानी 52 दिन बाद मुजफ्फरपुर महिला थाना में FIR कराने से सरकार की मंशा स्पष्ट दिखती है। प्रातः कमल समाचार पत्र बृजेश ठाकुर का समाचार पत्र है बिल्कुल कागजी और फर्जी पत्र है जिसकी बिना जांच किए हुए समाचार पत्र के माध्यम से बृजेश ठाकुर को लाभ पहुंचाया गया इससे सब पता चलता है, कि सरकार में आला नेताओं और मंत्रियों से सांठगांठ के कारण अपने सभी काले कारनामों को छिपाया हुआ था। मुजफ्फरपुर प्रेस क्लब बृजेश ठाकुर और उसके सगे-संबंधियों के जिम्मे है। और इसके द्वारा वह निरंतर लाभ प्राप्त करता रहा कई बार सवाल उठाने के बावजूद भी बिना उत्तर के खत्म हो गया, यह बिना मुख्यमंत्री के निकटता यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा की मैं CM से जानना चाहता हूं जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य के रूप में बृजेश ठाकुर की सगी बहन अर्चना रूपों को बनाया जाना 2013- 14 में बिना मुख्यमंत्री जी के निकटता के संभव नहीं है। एक तरफ भाई यातना गृह चला रहा हो और दूसरी तरफ छोटे बच्चों को न्याय देने के लिए खास जिम्मेवारी अपनी बहन को मिल जाए तो साफ पता चलता है कि कैसा कठिन स फर रहा होगा इस पर मुख्यमंत्री जी को अपना रुख अस्पष्ट करना चाहिए। समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद का हालिया बयान है कि fir में देरी के लिए विभाग जिम्मेदार है। हम सब दोषी हैं हम सब का मतलब मुख्यमंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिए विभाग में सचिव मंत्री और मुख्यमंत्री के अलावा कौन हो सकता है। और उन सभी तथ्यों के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री जी को बिहार और देश के सामने अपनी दोष कबूल करते हुए त्यागपत्र दे देनी चाहिए। इस प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनीष कुमार सिंह, एवं प्रदेश युवा प्रवक्ता श्री अभिषेक झा उपस्थित रहे।

रिर्पोट (जितेन्द्र कुमार)

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