सीबीआई जाँच हो,सरकार आरोपी को बचाने का कर रही हैं प्रयास-वैभव सिन्हा।
धनबाद। धनबाद नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वैभव सिन्हा ने धनबाद के भूली निवासी 27 वर्षीय युवक शिव सरोज कुमार उर्फ सोनू द्वारा रांची में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की ह्रदय विदारक घटना पर अत्यंत दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह सनसनीखेज मामला झारखंड में ध्वस्त विधि- व्यवस्था का खुला व माकूल उदाहरण है । इस घटना ने सरकारी व्यवस्था के प्रति आम जनता के विश्वास को पूरी तरह खंडित कर दिया है । फांसी लगाने से 6 घंटे पूर्व शिव सरोज ने पीएमओ से लेकर झारखंड के डीजीपी तक को मेल के जरिए जो सुसाइड लेटर भेजा है, सरोज ने पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए चुटिया थाना प्रभारी और सिटी डीएसपी को जिम्मेवार ठहराया है – यह अत्यंत खेदजनक, शर्मनाक तथा सरकारी व्यवस्था के लिए एक कलंक है।
कांग्रेस नेता वैभव सिन्हा ने शिव सरोज आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने इस मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों को बचाने तथा मामले को रफा दफा करने के लिए सीआईडी जांच बैठाई है, जिसपर न सरोज के परिवार वालों को, न राज्य के आम जनता को भरोसा है । इस घटना को लेकर आम लोगों के जेहन में प्रश्न उठा रहे हैं कि क्या शिव सरोज दिल्ली से रांची आत्महत्या करने आया था ? क्या पुलिस ने उसे टॉर्चर नहीं किया था ? क्या शिव कायर युवक था, जिसने आत्महत्या कर लिया ? शिव के परिजनों के बयान के अभाव में सीआईडी ने मुख्यमंत्री को जांच रिपोर्ट कैसे सौंप दी ? शिव के अपहरण में प्रयुक्त काली गाड़ी सीसीटीवी में पुलिस को कहीं नहीं दिखी, तो शिव उस रास्ते पर दिखा था क्या ? पैदल या किसी अन्य गाड़ी में ? होटल से लगभग 5 किलोमीटर सुनसान तालाब पर शिव पहुंचा कैसे और क्यों ? किसके साथ ? पुलिस ने जिस गवाह को खड़ा किया, वह जेल सजायाफ्ता मुजरिम है । पुलिस ने 2 दिन बाद गवाह का नाम क्यों लिया, पहले ही दिन क्यों नहीं ? गवाह अर्जुन सिंह ने अंधेरे में शिव को कैसे पहचान लिया और देर रात अर्जुन सिंह सुनसान तालाब पर क्यों और क्या करने गया था ? शिव ने जब आईटी की जगह भूलवश पिता द्वारा I आईबी करने की बात पुलिस को बता दी तो पुलिस आईबी पर ही फोकस क्यों कर रही है ? शिव के पिता सुरेश कुमार को सीआईडी जांच पर भरोसा क्यों नहीं है ? सुसाइड नोट घटना से 6 घंटा पहले शिव ने सारे जगह भेजा था क्या पुलिस ने खुद को बचाने के लिए शिव को रास्ता से ही सदा के लिए हटा दिया ?
शिव के पास लेपटॉप नहीं था, पुलिस ऐसा मानती है तो शिव का लैपटॉप पुलिस को मिला है क्या ? पुलिस ने शिव के महिला मित्र से पूछताछ किया। कौन है शिव की महिला मित्र, सहकर्मी या फिर कोई और ? पुलिस अगर निर्दोष है तो शिव की आत्महत्या के पीछे क्या, कौन ? शिव के पिता की पुलिस से क्या दुश्मनी है जो उन्हें फसा रहे हैं ? ये सब ऐसे प्रश्न है जो झारखंड की आम जनता शिव आत्महत्या मामले में बार-बार झारखंड शासन-प्रशासन से पूछ रही है जिसका जवाब रघुवर सरकार को सटीक वह समय सापेक्ष देना होगा ?
कांग्रेस नेता वैभव सिन्हा गुरुवार को सांध्या 5 बजे भूली स्थित शिव सरोज कुमार के आवास पहुंचे तथा उनके पिता व अन्य परिजनों से मिलकर हार्दिक शोक संवेदना प्रकट करते हुए शिव सरोज की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की ।
इस मौके पर रामजी तिवारीतिवारी, अजय पासवान, अनुज चौहान, छात्र नेता विकास दुबे, सन्नी सिंह, मिंटू कुमार, राहुल कुमार समेत अन्य उपस्थित थे।
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