ज़िन्दगी की चाहत में मरीज गया पीएमसीएच धनबाद पर कतार में ही मिली मौत।
पीएमसीएच में इलाज के गया मरीज पर कतार में ही दम तोड़ा।
धनबाद ।पीएमसीएच में एक बार फिर से मानवीय संवेदना के अभाव के कारण एक मरीज की मौत हो गयी. बस्ताकोला का रहने वाला छगन तुरी गंभीर रूप से बीमार था और धनबाद पीएमसीएच इलाज कराने आया था.
अस्पताल में पहले डॉक्टरों ने पहले पर्ची लाना जरुरी बताया. लम्बी लाइन में खड़ा छगन इलाज के लिए काफी देर तक जांच के लिए लाइन में अपनी बारी का इंतजार करता रहा.
लेकिन उसकी हालत ऐसी थी की वह अपनी जिंदगी का बोझ ज्यादा देर नहीं उठा पाया और उसने लाइन में ही जिंदगी को अलविदा कह दिया. उसकी हालत की जानकारी मिलते ही डॉक्टर वहाँ पहुँचे।लेकिन छगन मृत हालत में था.
लाइन में लगे लोगो का कहना था कि अगर समय रहते छगन का इलाज कर दिया जाता तो शायद वह जिन्दा रहता.
घटना के बाद अस्पताल में ही छगन के परिजन चीत्कार कर उठे और फुट फुट कर रोते हुए चिकित्सकों को कोसते रहे. काफी देर बाद कागजी कार्रवाई कर शव को परिजनो के हवाले कर दिया गया.इस घटना से पीएमसीएच एक बार शर्मशार हुआ हैं।पर,न ही प्रशासन को इससे फ़र्क़ पड़ता हैं और न ही बड़े अधिकारियों।अस्पताल के डॉक्टर्स भी काफी रौब जमाते हैं।आखिर कब तक गरीब यूँ ही इलाज के अभाव में मरता रहेगा।क्या गरीब जनता के लिए कोई सुख सुविधा नहीं।सिर्फ मिलती है वादे।जो कभी पूरे ही नहीं होते हैं।यह इस तरह की कोई पहली घटना नहीं हैं।आये दिन पीएमसीएच की कमी का ज़िक्र होता आया हैं।जिसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ता हैं।अगर अस्पताल की विधि व्यवस्था ठीक होती।तो शायद आज एक गरीब ज़िन्दगी की चाहत में मौत को न पाता।
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आजकल सरकारी अस्पताल सिर्फ मोत देने के नाम के लिए र्पसिध्द हो गया है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि डॉक्टर मरीज देखने से पहले पर्ची उनके लिए आवश्यक होता है। आइये दिन सुनते हैं कि जब कोई गरीब मरीज सरकारी अस्पताल इलाज के लिए आते हैं तो सिर्फ उन्हें मोत मिलता है। इस कारण मानवता एक बार फिर शर्मशर हुआ ।
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